SITAMARHI: सीतामढ़ी में जल संसाधन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बाढ़ से बचाव के लिए 10 करोड़ की लागत से बनी कोपल डैम पानी के हल्के दबाव में ही टूट गई। जो जल संसाधन विभाग की कार्य प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के खड़का गांव के पास बागमती के वाया तटबंध को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोपल डैम का निर्माण किया गया था। जो पानी का हल्का दबाव भी नहीं झेल सका और टूट गया। इसके निर्माण पर पांच साल पहले तकरीबन दस करोड़ की राशि खर्च की गई थी।
उसके बाद हर साल इसके मरम्मत पर लाखों रूपये खर्च किए जाते है। हालत यह है की यह डैम जल संसाधन विभाग और संवेदकों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन चुकी है। पिछले साल सीतामढ़ी में बाढ़ आई नहीं थी बावजूद नदी में जलस्तर बढ़ने पर यह टूट गया था। उसके बाद इसी साल मार्च महीने में फिर से इसके मरम्मत पर लगभग एक करोड़ की राशि खर्च की गई थी बावजूद इसके आज फिर से यह टूट गया।
वही जल संसाधन मंत्री संजय झा बाढ़ व कटाव से पूर्व सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय बगहा दौरे पर हैं। इस दौरान वे वाल्मीकीनगर अतिथि भवन में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और फिर कल सुबह गोपालगंज के लिए प्रस्थान करेंगे।दरअसल मानसून के दस्तक देने के साथ हीं संभावित बाढ़ व कटाव की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने करोड़ों ख़र्च कर बांध पर सुरक्षात्मक कार्य कराए हैं। वहीं कुछ तटबंधों पर अभी भी कटावरोधी कार्यों को आनन फानन में अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
लिहाजा इन कार्यों का जायजा लेने के लिए ख़ुद जल संसाधन मंत्री संजय झा बगहा और वाल्मीकीनगर के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने बगहा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी के किनारे हुए सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लिया। बगहा के पारसनगर, आनंदनगर और शास्त्रीनगर जैसे कटावस्थलों पर कराए गए कटावरोधी कार्यों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों समेत जिलाधिकारी से जानकारी ली और कई दिशा निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री संजय झा ने कहा कि गंडक नदी से ख़तरे की कोई आशंका नहीं है, मजबूती से नदी तट पर एंटी रोजन कार्य कराए गए हैं, बिहार यूपी सीमा पर स्थित बगहा में बांध पर कटाव व बाढ़ से बचाव के मुक्कमल इंतज़ाम हैं। जल संसाधन मंत्री संजय झा के साथ डीएम दिनेश रॉय, एमएलसी भीष्म साहनी व बगहा SDM डॉ अनुपमा सिंह के साथ जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी भी साथ थे।