SASARAM: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद तीन महीने बाद जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। सासाराम में हुए सांप्रदायिक हिंसा मामले में उन पर दंगा भड़काने का आरोप लगा लगा था। साथ ही इस दौरान हुई हत्याकांड में भी इन्हें आरोपी बनाया गया था।
रामनवमी के जुलूस के बात हुए उपद्रव मामले के एक महीने के बाद 30 अप्रैल को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। तीन महीना 3 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली जिसके बाद वे जेल से बाहर निकले। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला।
कहा कि वर्तमान समय में राज्य की सरकार 'साधु संतों को जेल में रख रही है' जबकि चोर उचक्के बेखौफ बाहर घूम रहे हैं। आपराधिक तत्व खुलेआम अपराध कर रहे हैं और साधु, संत एवं सज्जन प्रवृत्ति के लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उन पर लगाए तमाम आरोप निराधार हैं। माननीय उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दिया है। जिसके आधार पर वह आज जेल से छूटे हैं। उन्होंने बिहार सरकार को अंधी-बहरी की सरकार करार दिया एवं कहा की रामनवमी के बाद हुए दंगा में किसी मुस्लिम ने हिंदू पर या किसी हिंदू ने मुस्लिम पर कोई एफ.आई.आर दर्ज नहीं कराया। तमाम मुकदमे सरकार ने करवाई है। इससे साबित होता है कि इलाके के लोग अमन पसंद हैं।उन्होंने सासाराम को सरकार द्वारा बदनाम करने की साजिश करार दिया।