NALANDA : बिहार में शराबबंदी कानून लागु है। लेकिन, इसके बाबजूद राज्य में आये दिन लोगों की जान जहरीली शराब की वजह से जा रही है। इसी बीच अब बिहार के छपरा जिले में जहरली शराब के सेवन से 39 लोगों की जान चली गई है। इसको लेकर राज्य के राजनीतिक महकमें में भी उथल - पुथल मची हुई है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री और बिहार के नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे आरसीपी सिंह ने अपना एक बयान ट्वीटर पर साझा किया है। इसमें वह राज्य में लागू शराबबंदी कानून की हकीकत बता रहे हैं।
जेडीयू के नेता और भारत सरकार के मंत्री रहे आरसीपी सिंह इन दिनों दोनों पदों से इस्तीफा देने के बाद अपने गृह जिले नालंदा में जगह - जगह जाकर अपनी पहचान को और अधिक बढ़ावा दे रहे हैं। इस दौरान वह मौका मिलते ही नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर हमलावर होने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे हैं। इसी बीच अब राज्य के अंदर जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर कहा कि, राज्य में जब शराबबंदी कानून लागु हुआ था तो जनता ने इसका समर्थन किया था, लोगों ने इनपर भरोसा किया था कि ये सही ढंग से इस कानून को लागु करेंगे। लेकिन, आज बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल है। मैंने इनको इस बात की जानकारी 2020 में ही दी थी, लेकिन इसके बाबजूद वो मेरी बात नहीं मानें।
आरसीपी सिंह ने कहा कि, शराबबंदी कानून के कारण राजस्व का नुकसान तो ही रहा है , इसके साथ ही गांव के नवयुवक अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। इसलिए तत्काल एक कमिटी बनाकर इसे खत्म कर देना चाहिए। लेकिन, यह जिद्द वाले सीएम हैं और अपनी जिद्द के कारण लोगों की जान ले रहे हैं। नीतीश कुमार को इसका जवाब देना चहिए कि आखिकार उनकी जिद्द की वजह से बिहार के साथ अन्याय क्यों हो।
इसके अलावा उन्होंने जेडीयू के राजद में विलय को लेकर कहा कि, यह पूरी तरह से ख्याली पुलाव है। उनको लगता है कि जब विलय हो जाएगा तो जनता परिवार बढ़ जाएगा. उनकी ताकत बढ़ जाएगी। लेकिन, जमीन पर कुछ होने वाला नहीं है। क्योंकि, उनकी पार्टी में जीतने व्यक्ति हैं सब व्यक्तिवाद सोच के हैं। समाजवादियों के साथ सबसे बड़ी समस्या क्या होती है कि वे सब लोग व्यक्तिवादी होते हैं।