Bhojpur News: बड़हरा से 5000 तीर्थयात्रियों को भेजने के संकल्प की नई कड़ी, अजय सिंह ने बलुआ से जत्था किया रवाना Bhojpur News: बड़हरा से 5000 तीर्थयात्रियों को भेजने के संकल्प की नई कड़ी, अजय सिंह ने बलुआ से जत्था किया रवाना Bihar Politics: युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह का लालू यादव पर बड़ा हमला, राहुल गांधी के समर्थन को बताया बिहार का अपमान Bihar Politics: युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह का लालू यादव पर बड़ा हमला, राहुल गांधी के समर्थन को बताया बिहार का अपमान Bihar News: बिहार में मां और दो बेटियों की दर्दनाक मौत, तालाब में डूबने से गई तीनों की जान Bihar News: बिहार में मां और दो बेटियों की दर्दनाक मौत, तालाब में डूबने से गई तीनों की जान Bihar Politics: ‘देश में वोट की चोरी कर बनाई जा रही सरकार’ सासाराम की जनसभा में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘देश में वोट की चोरी कर बनाई जा रही सरकार’ सासाराम की जनसभा में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘जन सुराज के डर से राहुल गांधी को करनी पड़ रही यात्रा, टेंशन में NDA’ समस्तीपुर में बोले प्रशांत किशोर Bihar Politics: ‘जन सुराज के डर से राहुल गांधी को करनी पड़ रही यात्रा, टेंशन में NDA’ समस्तीपुर में बोले प्रशांत किशोर
1st Bihar Published by: Updated Wed, 21 Dec 2022 03:18:11 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से लगभग 100 लोगों की मौत के बाद नीतीश कुमार और उनके मंत्री-नेता अपनी ही बयानबाजी से लगातार फंसते जा रहे हैं। पहले मुआवजे को लेकर सरकार का झूठ सामने आया था। फिर मौत के आंकड़े को लेकर सरकार की गलतबयानी पकड़ी गयी। छपरा में शराब पीकर मरने वाले 100 लोगों का नाम, पता, परिवार सब सामने आ गया है लेकिन सरकार सिर्फ 32 लोगों के मरने की बात कह रही है। अब एक और झूठ सामने आया है। दरअसल छपरा जहरीली शराब कांड की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग ने शुरू कर दिया है। इस जांच से बौखलाये जेडीयू नेता जो बयानबाजी कर रहे हैं उसकी हकीकत भी सामने आ गयी है।
दरअसल मंगलवार को दिल्ली बीजेपी ने भाजपा विरोधी दलों से साझा बयान जारी करवाया था। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मिले थे। उसके बाद एक साझा बयान जारी कर ये कहा गया कि जहरीली शराब कांड पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच गलत है। मानवाधिकार आयोग तब जहरीली शराबकांड की जांच नहीं करता था जब बिहार में बीजेपी औऱ जेडीयू की सरकार थी। अब जब जेडीयू बीजेपी से अलग हो गयी है तो मानवाधिकार आय़ोग राजनीतिक साजिश के तहत जांच कर रहा है। पटना में बैठे जेडीयू नेता और राज्य सरकार के मंत्री भी ऐसा ही बयान दे रहे हैं। नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले मंत्री विजय चौधरी, संजय झा से लेकर बिहार के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने दावा किया कि जहरीली शराब से मौत का मामला मानवाधिकार आय़ोग का तो बनता ही नहीं है।
जेडीयू नेताओं का झूठ पकड़ा गया
जेडीयू के नेता ये दावे कर रहे हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तब बिहार के जहरीली शराब कांड की जांच नहीं करता था जब बिहार में भाजपा भी सत्ता में साझीदार थी। लेकिन फर्स्ट बिहार के पास राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग के कई ऐसे पत्र हैं, जिसमें उसने बिहार में जहरीली शराब कांड की तब भी जांच की थी या करायी थी जब भाजपा भी सत्ता में थी. उसका पूरा विवरण फर्स्ट बिहार के पास है. देखिये भाजपा-जेडीयू की सरकार के दौरान हुए जहीरीली शराब कांड पर मानवाधिकार आय़ोग की कार्रवाई का ब्योरा।
1. मानवाधिकार आयोग केस संख्या-846/4/32/2022—राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 24 फरवरी 2022 को ये मामला दर्ज किया था. बिहार के छपरा में 21 जनवरी को जहरीली शराब से 17 लोगों की मौत होने की खबर आयी थी, उसके बाद ये केस दर्ज कर जांच की गयी थी. उस समय बिहार में जेडीयू-बीजेपी की सरकार थी।
2. मानवाधिकार आय़ोग केस संख्या-4670/4/12/2021-राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग ने 27 जनवरी 2021 को ये केस दर्ज किया था. आयोग ने बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 43 लोगों की मौत की खबर के बाद ये केस दर्ज किया था और मामले की जांच की गयी थी. उस समय बिहार में जेडीयू-बीजेपी की सरकार थी.
3. मानवाधिकार आय़ोग केस संख्या-2272/4/2/2022-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ये मामला 25 मई 2022 को दर्ज किया था. बिहार में उस समय जेडीयू-भाजपा की सरकार थी. मानवाधिकार आयोग ने बिहार में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत की खबर अखबारों में छपने के बाद मामले का स्वतः संज्ञान लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी।
जेडीयू-राजद में बौखलाहट क्यों
अब सवाल ये उठता है कि जहरीली शराब कांड की जांच पर जेडीयू औऱ राजद में इतनी बौखलाहट क्यों हैं. इसका कारण भी स्पष्ट है. दरअसल ये सर्वविदित है कि पूर्ण शराबबंदी के बाद भी अगर बिहार में इतने बड़े पैमाने पर जहरीली शराब बन रही है कि एक ही इलाके में 100 से ज्यादा लोग मर जायें तो सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. मानवाधिकार आय़ोग की जांच में ये बात सामने आ सकती है. दूसरी प्रमुख बात ये है कि सरकार मौत का आंकड़ा छिपा रही है. छपरा में ऐसे 100 परिवार सामने आ चुके हैं जिनके घर के किसी न किसी व्यक्ति की मौत जहरीली शराब पीने से हुई. बिहार सरकार कह रही है कि सिर्फ 32 मौत हुई है. मानवाधिकार आयोग की जांच में सरकार का ये झूठ भी पकड़ा जा सकता है।
सबसे बड़ी बात मुआवजे को लेकर है. 6 साल पहले जहरीली शराब से मौत पर मृतक के परिजनों को मुआवजा देने वाली नीतीश सरकार अब कह रही है कि जो पियेगा वो मरेगा, हम मुआवजा नहीं देंगे. ये बात भी सामने आ चुकी है कि बिहार सरकार के शराबबंदी कानून में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे का प्रावधान है. मानवाधिकार आय़ोग की जांच में इस मसले पर भी सरकार फंस सकती है. ऐसे में नीतीश और तेजस्वी के साथ साथ उनके सिपाही मानवाधिकार आय़ोग की जांच का भरपूर विरोध करने पर उतर पड़े हैं।