Bihar ration card : बिहार के राशन कार्डधारियों पर बड़ा एक्शन, 57 लाख से ज्यादा नाम कटने की तैयारी; खाद्य विभाग के एक्शन से हड़कंप

बिहार के राशन कार्डधारियों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार के आदेश पर राज्य में 57 लाख से ज्यादा संदिग्ध राशन कार्डों की जांच चल रही है, जिनमें कई अपात्र लोगों के नाम हटाए जाएंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Dec 2025 08:14:50 AM IST

Bihar ration card : बिहार के राशन कार्डधारियों पर बड़ा एक्शन, 57 लाख से ज्यादा नाम कटने की तैयारी; खाद्य विभाग के एक्शन से हड़कंप

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Bihar ration card : बिहार के राशन कार्डधारियों से जुड़ी एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। केंद्र सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बिहार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को सख्त निर्देश जारी किया है। इस आदेश के तहत राज्य में 57 लाख से अधिक ऐसे राशन कार्डधारियों के नाम हटाए जाने की तैयारी है, जिनकी पात्रता संदिग्ध पाई गई है। इस कार्रवाई से राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक पारदर्शी और सही लाभार्थियों तक सीमित करने की कोशिश की जा रही है।


25 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले भी राशन कार्ड सूची में शामिल

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन राशन कार्डधारियों को संदिग्ध माना गया है, उनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है। सूची में जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी, 25 लाख रुपये से अधिक ग्रॉस टर्नओवर वाले बिजनेस मैन, आयकर चुकाने वाले लोग और मीडियम व हेवी मोटर व्हीकल के मालिक शामिल हैं। इतना ही नहीं, बड़ी जमीन के स्वामी काश्तकारों की संख्या भी लगभग 60 हजार बताई जा रही है। ऐसे लोगों का राशन कार्ड सूची में होना नियमों के खिलाफ माना जा रहा है।


36 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर पहले ही कार्रवाई

केंद्र से मिले निर्देशों के बाद बिहार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 36 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर सख्त कदम उठाए जा चुके हैं। इनमें से अधिकतर के नाम राशन कार्ड सूची से हटा दिए गए हैं। विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह जांच और सत्यापन के आधार पर की जा रही है, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को किसी तरह की परेशानी न हो।


बाकी 20 लाख कार्डधारियों का चल रहा सत्यापन

जो करीब 20 लाख से अधिक राशन कार्डधारी अभी बचे हुए हैं, उनकी पात्रता का सत्यापन किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। फिलहाल पूरे खाद्य विभाग का फोकस इसी विशेष अभियान पर है। विभाग घर-घर और दस्तावेजों के माध्यम से यह जांच कर रहा है कि कौन लोग वास्तव में सरकारी राशन के हकदार हैं और कौन नहीं।


100 साल से अधिक उम्र वाले 22 हजार नाम चौंकाने वाले

सत्यापन के दौरान एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा भी सामने आया है। केंद्र से मिली सूची में 22 हजार से अधिक ऐसे लोग दर्ज हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा बताई गई है और वे अब भी राशन कार्डधारी के रूप में सूचीबद्ध हैं। विभाग को शक है कि इनमें से कई नाम फर्जी या मृत लोगों के हो सकते हैं। ऐसे मामलों में विशेष जांच की जा रही है।


ज्यादा केस वाले 10 जिले

जिन जिलों में संदिग्ध राशन कार्डधारियों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है, उनमें शामिल हैं दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सीवान और वैशाली।


कम केस वाले 10 जिले

वहीं जिन जिलों में ऐसे मामलों की संख्या कम है, उनमें अरवल, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद, लखीसराय, कैमूर (भभुआ), मुंगेर, बक्सर, मधेपुरा और किशनगंज शामिल हैं।


सरकार का मकसद: सही लाभार्थी तक पहुंचे राशन

सरकार का स्पष्ट कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों तक ही सरकारी सब्सिडी वाला राशन पहुंचाना है। अपात्र लोगों के नाम हटने से न केवल सरकारी संसाधनों की बचत होगी, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों को समय पर और पूरा राशन मिल सकेगा। आने वाले महीनों में यह अभियान और तेज होने की संभावना है।