PATNA : बिहार कि राजनीति में शिक्षामंत्री के बयानों को लेकर काफी गहमागहमी का माहौल कायम है। एक तरफ मंत्री के बयान पर उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तरफ यह कहा जा रहा है कि पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हालांकि,उनकी पार्टी के कुछेक नेता ऐसे हैं जो इसे गलत बता रहे हैं। लेकिन, इनके सरकार में सहयोगी जेडीयू अब सीधे तौर पर इनकी बातों को गलत बताना शुरू कर चुकी है। वहीं, भाजपा भी इसको लेकर अपना आक्रामक रुख अपनाने से पीछे नहीं हट रही है। इसी कड़ी में अब भाजपा के तरफ से पार्टी के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री के तरफ से इसके इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई है।
भाजपा नेता ने कहा है कि, जिस राज्य के मुख्यमंत्री ही शर्मनाक बयान देते हैं उस राज्य के मंत्री से क्या ही उम्मीद रखी जा सकती है। जिस राज्य में मुख्यमंत्री के पुत्र ही नहीं पढ़ते हैं और इसके बाबजूद सरकार चलाते हो तो उसके पार्टी के नेताओं से रामचरितमानस को लेकर अच्छी बात कहने की उम्मीद रखना ही बेकार की बातें हैं। लेकिन, ये लोग इसके बाबजूद इसको लेकर भाजपा को जिम्मेदार बता रहे हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, बिहार के जिन मुख्यमंत्री के सुपुत्र ही नहीं पढ़ पाते हैं वो लोग इस तरह की टिपण्णी करते हैं। उनको पढ़ाई करने से क्या भाजपा या संघ के लोगों ने रोक दिया है। ये लोग बहाना बनाकर सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर बोलना जानते हैं। दरअसल, राजद नेता का मानस को लेकर दिया गया बयान उनकी पार्टी की मानसिकता को बताते हैं और उनको खुद इसको लेकर माफ़ी मांगनी चाहिए।
रामसूरत राय ने कहा कि, अभी वो जिस वर्ग में गए हैं, जिस क्लास में गए हैं उनके मुख्यमंत्री ही महिलायों को लेकर अभद्र टिपण्णी करते हैं। जिनके मुख्यमंत्री ही महिलाओं, बहनों को लेकर अभद्र बात बोलते हैं। तो फिर मंत्री अगर इस तरह की बातों को बोलते हैं तो इसमें कोई अलग बात नहीं है। लेकिन, यह बात जरूर है की उनकी बातों से हिंदू समाज को आघात पहुंचा है।
बताते चलें कि, शिक्षा मंत्री प्रोफेसर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने ने कहा था कि, इस ग्रंथ में निचली जाति के लोगों को गालियां दी गई हैं। ये गलत है, उनको शिक्षा से वंचित रखने की बात कही गई है। इस तरह की कई बातें उन्होंने बोली थी। जिसके बाद अब देश भर में बवाल मच गया है।