DESK : अभिनेता जैकी श्रॉफ के नाम, उपनाम (जैकी और जग्गू दादा) के साथ-साथ उनकी आवाज और छवियों को बिना अनुमति के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर वॉलपेपर, टी-शर्ट और पोस्टर आदि बेचने वाली और एआई चैटबॉट प्लेटफॉर्म संचालित करने वाली संस्थाएं अभिनेता के व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं।
वहीं, अदालत ने 'भिडू' शब्द का इस्तेमाल करने वाले एक रेस्तरां मालिक को भी नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की अदालत ने 15 मई के अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि जैकी श्रॉफ एक सेलिब्रिटी हैं। उनका अपने व्यक्तित्व और विशेषताओं पर स्वाभाविक अधिकार है। इसके साथ ही अदालत ने दो कंटेंट क्रिएटर्स के खिलाफ भी निर्देश पारित किया है। इन कंटेंट क्रिएटर्स ने जैकी श्रॉफ के वीडियो को बेहद अपमानजनक शब्दों और गालियों के साथ प्रकाशित किया था।
इसके साथ ही अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि वादी ने अपनी दलीलों से अपने पक्ष को पूरी तरह स्थापित किया है। अदालत अभिनेता के नाम, जिसमें उपनाम (जैकी और जग्गू दादा) के साथ उनकी आवाज और तस्वीरों का बिना इजाजत व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किये जाने पर रोक लगा रही है। यदि इस मामले में रोक नहीं लगाई जाती है, तो इससे वादी को आर्थिक नुकसान होगा। साथ ही वादी के सम्मान के साथ जीने के उसके अधिकार को भी अपूरणीय क्षति पहुंचेगी।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि स्पष्ट है कि कुछ प्रतिवादियों की कथित गतिविधियों ने प्रथम दृष्टया वादी के व्यक्तित्व का इस्तेमाल कर व्यावसायिक लाभ अर्जित किया है। ऐसे प्रतिवादियों ने वादी के नाम, तस्वीरों, आवाज एवं अन्य विशेषताओं का बिना अनुमति के इस्तेमाल किया है। इससे वादी के व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। अत: अदालत का फैसला प्रतिवादी संख्या 3-4, 6-7, 13 और 14 के खिलाफ है।