जब रेलमंत्री पीयूष गोयल को बिहार सरकार के मंत्री ने कह दिया कि - सब रेललाइन मुंबईए में बना दीजिए

जब रेलमंत्री पीयूष गोयल को बिहार सरकार के मंत्री ने कह दिया कि - सब रेललाइन मुंबईए में बना दीजिए

SUPAUL: सुपौल वासियों को नयी ट्रेन का तोहफा मिला है। बिहार सरकार के उर्जा मंत्री  विजेन्द्र यादव ने ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर सुपौल स्टेशन से रवाना किया । सहरसा-सुपौल के बीच चलने वाली इस नयी ट्रेन के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को बिहार सरकार के मंत्री ने दिल से धन्यवाद दिया है। वहीं इस मौके पर उन्होनें पुरानी यादों को ताजा करते हुए सुपौल-सहरसा लाइन के लिए पीयूष गोयल से हुई मनुहार भरी नोक-झोंक की भी चर्चा की।


सुपौल रेलवे स्टेशन से उर्जा मंत्री विजेन्द्र यादव और रेलवे के पीआरओ वीरेन्द्र कुमार ने नयी ट्रेन को हरी झंडी दिखा सुपौल से सहरसा  के लिए रवाना किया। यह ट्रेन सुपौल से रोजाना सुबह 11 बजे खुलेगी और सहरसा 12 बजकर 15 मिनट पर पहुंचेगी, फिर यही ट्रेन 1 बजे सहरसा से खुलकर 2 बजकर 15 मिनट पर सुपौल पहुंचेगी। विजेन्द्र यादव ने इस मौके पर सुपौल-सहरसा रेल लाइन के संघर्ष की चर्चा करते हुए  बताया कि यहां से ट्रेन को चालू करवाने के लिए उन्होनें कई बार रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। उन्होनें बताया कि रेलवे बोर्ड ने तो कह दिया था कि वहां रेलवे लाइन बनाना घाटे का सौदा है। तब विजेन्द्र अचानक बिफर पड़े थे तो और बातों ही बातों में कह दिया था कि तो ठीके हैं सब रेललाइन मुंबईए में बना दीजिए, खूब कमाई होगा। कौन सा कॉन्सेप्ट आप लोग कैरी फॉर्वर्ड कर रहे हैं। इसके नौ महीने बाद जब फिर वे रेलमंत्री के पास पहुंचे तो उन्हें देखते ही वे बोले कि आपने आने में इतनी देर क्यों कर दी पहले आते तो काम पहले हो जाता फिर उसके बाद रेलवे लाइन को मंजूरी मिल गयी थी।


इलाके के लोगों को नयी ट्रेन के परिचालन पर खुशी है लेकिन साथ ही साथ थोड़ी मायूसी भी है। इलाके के लोग चाहते हैं कि यहां से रात्रि सेवा वाली ट्रेनों की भी शुरुआत की जाए। साथ ही इलाके के लोगों का ख्वाहिश है कि यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों का भी परिचालन शुरू किया जाए ताकि य़हां ठप पड़ते बिजनेस-व्यापार को गति मिल सके।


बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में ही सुपौल जिले को बड़ी रेल लाइन सेवा से जुड़ने का सपना सच हुआ था। सुपौल से सहरसा के लिए ट्रेन परिचालन शुरू किया गया था। बता दें कि आमान परिवर्तन को लेकर 16 दिसम्बर 2016 से सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया था।