DELHI: IRCTC मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई हुई। जिसमें आरोपियों की ओर से चार्ज फ्रेम करने पर बहस हुई। इस मामले में अब अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। बता दें कि 31 जुलाई को कोर्ट में चार्ज फ्रेम करने पर दलील पूरी की गयी थी। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 अगस्त को निर्धारित की थी। आज की सुनवाई में चार्ज फ्रेम करने पर बहस हुई।
पिछली सुनवाई में लालू प्रसाद यादव के वकील ने कहा था कि सीबीआई ने ऐसा कोई भी सबूत पेश नहीं किया जिससे यह साबित हो सके कि लालू प्रसाद यादव ने टेंडर दिलाने के मामले में किसी का पक्ष लिया हो। लालू के वकील ने यह भी कहा था कि सीबीआई को हाई प्रोफाइल केस में सबूतों के साथ कोर्ट में आना चाहिए। सिर्फ हवा हवाई बातों पर चार्ज फ्रेम करने की मांग नहीं की जा सकती।
वहीं, इस मामले में सीबीआई के वकील ने कहा था कि पॉलिसी बदलने के मामले में लालू प्रसाद यादव की दखलअंदाजी थी। यह पूरा मामला उस समय का है जब देश के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव हुआ करते थे। उस समय रेलवे बोर्ड ने देश के सभी होटलों और ट्रेनों में कैटरिंग सेवा आईआरसीटीसी को सौंप दिया था। इसी दौरान रांची और ओडिशा के होटलों के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद समेत अन्य कई लोगों पर चार्जशीट दाखिल की।
गौरतलब है कि साल 2004 से 2009 के बीच लालू यादव रेल मंत्री रहे थे। उस समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के जरिए रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया। विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक थे और सुजाता होटल्स ने इसके बदले में कथित तौर पर लालू यादव को पटना में तीन एकड़ जमीन दे दी, जो बेनामी संपत्ति थी।
वहीं, 2006 में रांची और ओडिशा के पुरी में आईआरसीटीसी के दो होटलों के ठेके पटना में एक प्रमुख स्थान पर तीन एकड़ के वाणिज्यिक भूखंड के रूप में रिश्वत में शामिल एक निजी फर्म को आवंटित करने में कथित अनियमितताएं थीं। जिसके बाद ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।
बता दें कि इस मामले में सीबीआई कई बार राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव से भी पूछताछ की थी। इसके बाद सीबीआई ने 2017 में सभी के खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया था। 2018 में इस मामले में जमानत दे दी गई थी दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में ईडी ने अगस्त 2018 पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पीसी गुप्ता, सरला गुप्ता समेत कुल 16 लोंगो के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीट दायर की थी।