PATNA : 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री आवास के सामने से अवैध गाड़ी को उठवा लेने का साहस दिखाने वाले IPS अधिकारी विकास वैभव को आज IIT कानपुर सत्येंद्र कुमार दूबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित करेगा. IIT कानपुर में आयोजित होने वाले समारोह में आज बिहार कैडर के तेजतर्रार IPS अधिकारी और वर्तमान में मुंगेर के DIG विकास वैभव को सम्मानित किया जायेगा.
विकास वैभव को सम्मान
दरअसल, IIT कानपुर हर साल देश के किसी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को सतेंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित करता है. इंजीनियर सत्येंद्र कुमार दुबे IIT कानपुर के छात्र रह चुके थे. बिहार में राजद शासनकाल में अपराधियों ने सड़क निर्माण में रंगदारी न देने के कारण उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. सत्येंद्र कुमार दूबे की याद में आईआईटी कानपुर ने इस समान की शुरूआत की है. इस दफे आईआईटी कानपुर ने बिहार के IPS अधिकारी विकास वैभव को ये सम्मान देने का फ़ैसला लिया है. आज उन्हें सम्मानित किया जायेगा. विकास वैभव भी IIT कानपुर के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने 2001 में आई आई टी से बीटेक की डिग्री ली थी. 2003 में IPS के लिए चुने गये.
अपनी ईमानदारी के लिए चर्चित रहे हैं विकास वैभव
विकास वैभव अपनी ईमानदारी के लिए चर्चित रहे हैं. 2015 में नीतीश कुमार ने उन्हें पटना का SSP बनाया था. कुछ दिनों बाद चुनाव थे और सरकार को उम्मीद थी कि पटना के SSP सरकार की मदद करेगे . लेकिन विकास वैभव उस उम्मीद पर खरे नहीं उतरे. सत्ता के गलियारे में होने वाली चर्चाओं के मुताबिक़ विकास वैभव ने सीएम हाउस के सामने से भी एक अवैध गाड़ी उठवा लिया था. नकीजतन सरकार ने उन्हें चुनाव से पहले पटना के SSP पद से हटा दिया. हालाँकि चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान उन्हें फिर से पटना का SSP बना दिया. सरकार में फिर से नीतीश कुमार आये और अपने पहले तबादले में विकास वैभव को पटना के SSP पद से हटाया.
पहली पोस्टिंग से ही लोकप्रिय रहे हैं विकास वैभव
SP के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग बगहा पुलिस में हुई थी. इस दौरान वे लोगों के बीच इतने लोकप्रिय हुए कि उनके तबादले के बाद कई दिनों तक बगहा बंद रहा. रोहतास ज़िले से नक्सलवाद के सफ़ाये में विकास वैभव का सबसे बड़ा रोल रहा. दरभंगा के SP के तौर पर भी उनका कार्यकाल काफ़ी चर्चित रहा. पुलिस अधिकारी के तौर पर उन्होंने जनता से संबंध बेहतर बनाने और पुलिस की काम दुरुस्त करने के लिए जनसंवाद क सिलसिला शुरू किया. क्षेत्र में हर पोस्टिंग के दौरान उनका जनसंवाद लोगों के बीच ख़ासा लोकप्रिय रहा. विकास वैभव के मुताबिक़ पुलिस का काम सिर्फ़ बंदूक़ के सहारे नहीं किया जा सकता. जनता से बेहतर संबंध बनाये बगैर पुलिसिंग कभी सफल नहीं हो सकती.