PATNA : बालू के अवैध खनन मामले में निलंबित भोजपुर के पूर्व एसपी और आईपीएस अधिकारी राकेश दुबे को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने उनका निलंबन ख़त्म कर दिया है। बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में राकेश दूबे को पुलिस मुख्यालय में योगदान देने को कहा गया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने राकेश दूबे को निलंबन मुक्त करने का फ़ैसला लिया है। आईपीएस राकेश दूबे पिछले 34 महीनो से निलंबित चल रहे हैं।
बता दें कि बिहार सरकार ने बालू के अवैध कारोबार में पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के खिलाफ वर्ष 2021 में एक मुहिम चलाई थी। उस समय राकेश दूबे भोजपुर के एसपी थे। राज्य सरकार की एजेंसी ईओयू ने आरोप लगाया था कि बालू के अवैध खनन और कारोबार में राकेश दुबे की संलिप्तता रही है और उनका आचरण संदिग्ध है। इन्हीं आरोपों के बाद बिहार सरकार ने 27 जुलाई, 2021 को राकेश दूबे को दो महीने के लिए निलंबित कर दिया था। उसके बाद चार बार उनके निलंबन के अवधि को विस्तार दिया गया।
राकेश दूबे ने दो साल के बाद भी उन्हें निलंबित रखे जाने के खिलाफ कोर्ट और केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपील की थी। जिसके बाद राज्य सरकार को निलंबन की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया था। लेकिन राज्य सरकार ने विगत12 जनवरी को उन्हें फिर से अगले छह महीनो के लिए निलंबित रखने का आदेश जारी किया था।
इसी बीच, राकेश दूबे ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में बिहार सरकार के फ़ैसले के खिलाफ अपील की थी। कैट ने 9 फ़रवरी को ही आदेश दिया था कि बिहार सरकार राकेश दूबे का निलंबन रद्द करे। कैट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने बुधवार (22 मई) को राकेश दूबे का निलंबन निरस्त कर दिया है। हालांकि राज्य सरकार के आदेश में स्पष्ट है कि राकेश दूबे के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलती रहेगी और राकेश दूबे को उसमें पूरा सहयोग करना होगा।