भारत के खिलाफ नेपाल का दुस्साहस, बॉर्डर पर तनाव.. नो मैंस लैंड में किया ये काम

भारत के खिलाफ नेपाल का दुस्साहस, बॉर्डर पर तनाव.. नो मैंस लैंड में किया ये काम

PATNA : नेपाल भले ही भारत का पड़ोसी देश है लेकिन इसके बावजूद हाल के दिनों में उसकी गतिविधियों के कारण भारत को परेशानी का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ अर्से में नेपाल में भारत विरोधी गतिविधियां ज्यादा देखने को मिली हैं। भारत के खिलाफ नेपाल में काम कर रही मानसिकता के पीछे चीन का सपोर्ट भी माना जाता है। भारत-नेपाल सीमा पर एक बार फिर से तनाव की स्थिति बनी है। दरअसल नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण की जानकारी मिलने के बाद भारतीय अधिकारी एक्टिव हुए हैं। नो मैंस लैंड में भारतीय प्रभाव वाले क्षेत्र में धार्मिक के झंडे लगाए गए हैं। इसे लेकर वहां तनाव की स्थिति बनी है।


यह पूरा मामला नरकटियागंज के भिखनाठोरी नो मैंस लैंड से जुड़ा हुआ है। यह नेपालियों ने जमीन पर कब्जा कर लिया और बैरिकेडिंग कर वहां धार्मिक के झंडे लगा दिए। इस बात की जानकारी जब भारतीय अधिकारियों को मिली तो नरकटियागंज एसडीएम ने तत्काल नेपाली अधिकारियों से बात कर अतिक्रमण को हटवाया है। नेपाल के सीताखोला के पास नो मैंस लैंड पर बैरिकेडिंग कर झंडे लगा दिए जाने से दोनों देशों के बीच तनाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल इस पर पहल की है। आपको बता दें कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने 2 साल पहले यह बयान दिया था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था। केपी ओली ने कहा था कि जिस अयोध्या की बात की जाती है वह दरअसल नेपाल का भिखनाठोरी गांव है। भिखनाठोरी गांव इसके बाद सुर्खियों में आ गया था और यहां लोग पूजा पाठ करने लगे थे।


खबर के मुताबिक भारत नेपाल सीमा पर पिलर संख्या 436 के पास सीताखोला में मंदिर बनाने की तैयारी हो रही है। नो मैंस लैंड में अतिक्रमण की जानकारी मिलने के बाद पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज एसडीएम ने तत्काल दल बल के साथ मौके का जायजा लिया और उन्होंने नेपाली अधिकारियों से बातचीत कर अतिक्रमण हटवाया है। एसएसबी के जवान बॉर्डर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं बॉर्डर पर विवाद के कारण भिखनाठोरी इलाके में थोड़ी तनाव की स्थिति भी बनी है।