I.N.D.I.A ने बढ़ा दी NDA की टेंशन : लोकसभा अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन के लिए पूरी करनी होगी यह शर्त

I.N.D.I.A ने बढ़ा दी NDA की टेंशन : लोकसभा अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन के लिए पूरी करनी होगी यह शर्त

DELHI : लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एनडीए सरकार का गठन हो चुका है। इसके साथ ही नई सरकार के गठन के उपरांत नए सदस्यों के शपथ ग्रहण और लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर सत्र बुलाए गए हैं। अब जो खबर निकल कर सामने आ रही है वह एनडीए की मुश्किलें बढ़ा सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार विपक्ष खुद की मजबूत स्थिति को देखते हुए लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद की मांग कर सकता है।


रिपोर्ट्स के अनुसार विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की ओर से लोकसभा के उपाध्यक्ष पद की मांग की गई है। अगर 'इंडिया' को डिप्टी स्पीकर की पोस्ट नहीं मिली तो वह लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है।


दरअसल, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने वाला है जो 3 जुलाई को समाप्त होगा। यह सत्र 9 दिवसीय विशेष सत्र होने वाला है। इस दौरान अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आगामी 26 जून से शुरू होगी। इससे पहले 17वीं लोकसभा में भाजपा के ओम बिड़ला अध्यक्ष थे जबकि उपाध्यक्ष का पद खाली ही था। लिहाजा, अब इस पद की मांग विपक्षी गठबंधन की तरफ से की जा रही है।


मालूम हो कि लोकसभा 26 जून को अपने नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी। सदन के सदस्य उम्मीदवारों के समर्थन में प्रस्ताव के लिए एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक नोटिस दे सकते हैं। अध्यक्ष के चुनाव के लिए तय तिथि से एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य सदस्य के समर्थन में प्रस्ताव के लिए महासचिव को लिखित रूप से नोटिस दे सकता है। 


नोटिस में बताया गया है कि मौजूदा मामले में अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रस्ताव के वास्ते नोटिस मंगलवार, 25 जून दोपहर 12 बजे से पहले दी जा सकती है। सत्र के पहले दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के लिए समर्पित होंगे। अध्यक्ष के चुनाव के लिए 26 जून की तिथि तय की गई है जबकि 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी।


बताते चलें कि अध्यक्ष पद के प्रस्ताव के लिए जारी नोटिस का समर्थन किसी तीसरे सदस्य की ओर से किया जाना चाहिए। साथ ही, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की ओर से यह बयान भी दिया जाना चाहिए कि वह निर्वाचित होने पर अध्यक्ष के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं। लोकसभा सचिवालय ने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि कोई भी सदस्य अपना नाम प्रस्तावित नहीं कर सकता है या अपने नाम वाले किसी प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकता है। अगर कोई प्रस्ताव पारित (अपनाया) होता है, तो कार्यवाही की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति (प्रोटेम स्पीकर) यह घोषणा करेगा कि पारित किए गए प्रस्ताव में प्रस्तावित सदस्य को सदन का अध्यक्ष चुना गया है।