1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 May 2025 10:07:18 PM IST
- फ़ोटो google
DELHI: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के कार्यकारिणी चुनाव 2025-26 में Member Executive पद के लिए हुए मुकाबले में अधिवक्ता आशीष कुमार सिन्हा ने एक बार फिर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए विजयी परचम लहराया। इस प्रतिष्ठित पद के लिए कुल 54 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिनमें से आशीष कुमार सिन्हा ने 469 वोट प्राप्त कर सबसे अधिक मतों के साथ यह चुनाव जीता। कुल 2,588 अधिवक्ताओं ने इस बार मतदान किया।
यह जीत अधिवक्ता आशीष कुमार सिन्हा की लगातार दूसरी विजय है, जिससे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की वकालत की दुनिया में अपनी मजबूत पकड़ और लोकप्रियता को फिर एक बार सिद्ध किया है। जीत की घोषणा होते ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष नमन कर अपनी विनम्रता और मूल्यों के प्रति निष्ठा का परिचय दिया। इसी चुनाव में जाने माने सिनियर अधिवक्ता विकास सिंह अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल कौशिक उपाध्यक्ष, अधिवक्ता प्रज्ञा बघेल सचिव, अधिवक्ता मिनेश दुबे संयुक्त सचिव, अधिवक्ता विक्रांत यादव कोषाध्यक्ष तथा अधिवक्ता सुशील कुमार तोमर संयुक्त कोषाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
आशीष मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण, बिहार के निवासी है और एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते है। इनके पिता का नाम स्व. सुधीर कुमार सिन्हा और माता का नाम श्रीमती पुनम सिन्हा है. अधिवक्ता आशीष दो भाई और एक बहन मे सबसे बड़े है.2000 मे ही इनके सर से पिता साया उठ गया था और उनकी हत्त्या के बाद कम उम्र में ही घर की जिम्मेदारियों का बोझ इनके कंधों पर आन पड़ा जिसे इन्होंने बखूबी निभाया। अधिवक्ता आशीष कुमार सिन्हा ने बनारस हिंदू विश्वविधालय से सन् 2014 में LL. B. (Hons.) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है। इनकी सफलता में इनकी पत्नी अधिवक्ता बिनीता जायसवाल का बड़ा योगदान रहा है, ये दोनों B.H.U. में क्लासाथी (Batchmate) थे। अधिवक्ता आशीष सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल, सिविल, सर्विस, मैट्रिमोनियल, तथा अन्य सभी प्रकार के केस देखते है। इन्होंने Criminal Cases में SC/ST Act के तहत हुए केस में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत कराने मे कई बार सफलता हासिल की और अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
अधिवक्ता आशीष कुमार सिन्हा की यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और मेहनत का प्रतीक है, बल्कि बिहार जैसे राज्य के युवाओं के लिए भी प्रेरणास्पद है कि कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर प्रयास और ईमानदारी से लक्ष्य को पाया जा सकता है। एक साधारण परिवार से निकलकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी में दो बार निर्वाचित होना निश्चय ही एक मिसाल है। उनकी सफलता पर पूरे बिहार और कानूनी बिरादरी में हर्ष का माहौल है, और अधिवक्ता आशीष आने वाले वर्षों में भी अपने कार्यों से न्यायपालिका में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते रहेंगे।