INDIA की कोर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक से गायब रहेंगे जेडीयू के ललन सिंह, सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म

INDIA की कोर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक से गायब रहेंगे जेडीयू के ललन सिंह, सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म

PATNA: भाजपा विरोधी विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के 14 सदस्यीय कोर्डिनेशन कमिटी की पहली बैठक 13 सितंबर को दिल्ली में होने जा रही है. एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर ये बैठक होगी. इस बीच बड़ी सामने आ रही है. इस कोर्डिनेशन कमेटी के सदस्य और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बैठक में शामिल नहीं होंगे. हालांकि बिहार से तेजस्वी यादव भी इस कमेटी के सदस्य हैं. वे बैठक में शामिल होने के लिए आज ही दिल्ली रवाना हो गये.


जेडीयू सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ललन सिंह बैठक में शामिल नहीं होंगे. पार्टी के नेता कह रहे हैं कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत खराब है. इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. लेकिन सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा हो रही है. ललन सिंह एक दिन पहले तक पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे. 10 सितंबर को वे नालंदा में पार्टी के सम्मेलन में शामिल हुए थे. उसमें उन्होंने लंबा-चौड़ा भाषण भी दिया था और कहीं बीमार नहीं दिख रहे थे. पार्टी ने अचानक से कहा है कि ललन सिंह बीमार हैं.


सियासी गलियारे में चर्चा है कि बिहार में लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर जेडीयू और राजद के बीच बात बन नहीं रही है. देश भर की बात कर रहे नीतीश और तेजस्वी को सबसे पहले अपने राज्य में गठबंधन में सीटों का बंटवारा करना होगा. इस पर कोई चर्चा ही नहीं हो रही है. हालांकि गठबंधन में शामिल पार्टियों ने दावा ठोंकना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने लोकसभा की 10 सीटों पर दावा ठोंक दिया है. वहीं, माले ने 5 सीटों की मांग की है. कुछ दिन पहले बिहार आये सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा था कि बिहार की 5 सीटों पर उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत है. 


महागठबंधन के कई नेता ये मान रहे हैं कि देश भर की बात तो दूर रही, बिहार में ही महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग करना बेहद मुश्किल होगा. पिछले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ लड़कर 16 सीटें जीती थी. जेडीयू अपनी हर सीटिंग सीट चाहता है. तो क्या बाकी की 24 सीटों में ही राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई और सीपीएम के बीच बंटवारा होगा. इसका मतलब ये है कि महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राजद कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 


ऐसी स्थिति में बिहार में ही इंडिया गठबंधन का भविष्य डंवाडोल नजर आ रहा है. आलम ये है कि समय से पहले चुनाव होने का दावा कर रहे नीतीश और तेजस्वी ने अब तक सीट शेयरिंग पर एक बार भी चर्चा नहीं की है. ऐसे में ललन सिंह के दिल्ली नहीं जाने से चर्चाओं का बाजार गर्म है.