PATNA : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि- विपक्षी दलों में गठबंधन में एक नहीं बल्कि अनेक संयोजक होंगे। एक संयोजक को तीन - चार राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में अब लालू के इस बयान को लेकर कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव एलाइंस यानी I.N.D.I.A की अगली और तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होनी है। इस बैठक में देश के 26 राजनीतिक दलों के 80 से अधिक नेता जुड़ेंगे। जिसमें पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल है। इस बैठक में गठबंधन के संयोजक को लेकर चर्चा होनी चाहिए।
ऐसे में इस पद की रेस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है। लेकिन, जब इसको लेकर राजद सुप्रीमों लालू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, I.N.D.I.A. गठबंधन में एक नहीं, कई संयोजक बनेंगे। लालू ने साथ में यह भी कहा कि ऐसा इसलिए किया जाएगा। जिससे गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच समन्वय ठीक से स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि एक संयोजक को तीन से चार राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इसके बाद अब लालू के इस बयान परअटकलें लगने लगी शुरू हो गयी हैं। इस बयान को कुछ लोग विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच संतुलन बनाने, और बीजेपी की तरह माइक्रो लेवल पर चुनावी तैयारी की रणनीति का संकेत बता रहे हैं तो कुछ नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भेजकर उनके कद पर कैंची चलाने की कोशिश भी करार दे रहे हैं।
वहीं, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आरजेडी और लालू का लक्ष्य साफ है, वो खुद अपनी दम पर बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज होना चाहते हैं। जहां तक संयोजक की बात है, नीतीश कुमार की अस्थिर छवि की वजह से विपक्षी गठबंधन के घटक दलों में उनपर विश्वास का अभाव है और इस अविश्वास की एक वजह हरिवंश भी हैं जो नीतीश से गुपचुप मुलाकात कर जाते हैं और इस मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई? इसे लेकर न तो हरिवंश और ना ही नीतीश कुमार एक लाइन बोलते हैं। हलांकि, बीते शाम जेडीयू ने अपनी नई टीम का एलान कर इन बातों पर थोड़ी रोक तो जरूर लगी है।