PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए बने 28 विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन में शीट शेयरिंग का पेंच फंस गया है। विपक्षी गठबंधन में शामिल सभी दल अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार की सियासत में इस बात की चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में जेडीयू को काफी कम सीटें मिल रही हैं, जिसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए हैं। यही वजह है कि आज लालू खुद सीएम नीतीश को बनाने के लिए उनके आवास पहुंच गए।
दरअसल, एनडीए से अलग होने के बाद से ही जेडीयू ने एलान कर दिया था कि वह बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए बिखरे हुए विपक्ष को एकजुट करेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की और विपक्ष के तमाम नेताओं से घूम घूमकर मुलाकात की। नीतीश की पहल रंग लाई और विपक्ष के वे दल भी साथ बैठने को तैयार हो गए जो एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते थे।
पहली बार पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई। इसके बाद बैंगलुरु दूसरी और तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित की गई। शुरुआत से ही इस बात की चर्चा थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A का संयोजक बनाया जाएगा लेकिन तीन बैठकों के बाद भी नीतीश कुमार को संयोजक बनाने को लेकर फैसला नहीं हुआ। मुंबई की बैठक में यह एलान किया गया कि अगली बैठक यह तय कर लिया जाएगा कि कौन दल कितने सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगा।
बिहार की सियासत में इस बात की चर्चा जोरों पर है I.N.D.I.A गठबंधन में जेडीयू को लोकसभा चुनाव में काफी कम सीटें मिल रही है। कहा यह भी जा रहा है कि जेडीयू की जो सीटिंग सीटें हैं उसपर से भी कई सांसदों का पत्ता कटने जा रहा है। गठबंधन में कम सीटों मिलने का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बाल लालू प्रसाद से मुलाकात कर रहे हैं। पिछले दिनों लगातार दो दिनों नीतीश कुमार लालू से मिलने के लिए राबड़ी आवास पहुंचे थे।
पहली बार लालू से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी। दूसरे दिन नीतीश ने लालू से मुलाकात की थी। करीब 15 मिनट तक दोनों नेताओं में बातचीत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक कम सीटें मिलने के कारण नीतीश ने नाराजगी जताई है। यही वजह है कि दो दिन बाद आज लालू खुद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई है। लालू के सीएम आवास पहुंचने के बाद एक बार फिर कयासों का बाजार गर्म हो गया है।