होली के रंग में डूबे सांसद रामकृपाल, फगुआ गाते हुए खूब बजाया ढोलक और झाल

होली के रंग में डूबे सांसद रामकृपाल, फगुआ गाते हुए खूब बजाया ढोलक और झाल

PATNA : होली के रंगों की खुमारी फागुन महीने में फिजा में बिखरनी शुरू हो गयी है। जगह-जगह फगुआ गीतों की गूंज सुनाई देने लगी है। ऐसे में भला क्या आम क्या खास सभी इस रस में सराबोर हो जाते हैं। तो आइए आपको आपको लेकर चलते हैं ऐसे ही एक फगुआ की मस्ती में डूबी टोली के पास जिसमें सांसद महोदय खुद होली के गीतों को मस्ती में गुनगुना रहे हैं और जमकर ढोलक-झाल भी बजा रहे हैं।


हम बात कर रहे हैं पटना के पाटलीपुत्र लोकसभा क्षेत्र के सांसद रामकृपाल यादव की जो आपको तस्वीरों में फगुआ गीतों में डूबे नजर आ रहे होंगे। सांसद महोदय अपने संसदीय क्षेत्र में हैं तो फिर कहना ही क्या। अपने वोटरों के बीच सांसद महोदय का उत्साह और भी दूना हो गया है। वे जमकर बाबा हरिहरनाथ-बाबा हरिहरनाथ की गूंज लगा रहे हैं। बीच-बीच में सांसद महोदय कभी ढोलक पर हाथ आजमा रहे हैं तो कभी झाल बजा रहे हैं।


दरअसल सांसद महोदय खगौल पहुंचे थे जहां सूत्रधार के संयोजक और वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम के नेतृत्व में कलाकारों की टोली फगुआ गीत गाने के लिए जुटी थी। ढोलक-तबला-झाल-मृदंग सभी तरह के वाद्ययंत्रों की वहां व्यवस्था थी। जब सांसद रामकृपाल यादव अपने सहयोगी और वरिष्ठ नेता सनोज यादव के साथ कार्य़क्रम में पहुंचे तो  कलाकारों को मस्ती में डूबा देख खुद को रोक नहीं पाये और फिर क्या था महफिल जब गयी और फगुआ गीत फिजां में छा गए।


सांसद महोदय को देखकर उन दिनों की याद आ गयी जब कभी लालू दरबार में फगुआ की महफिल सजती थी और रामकृपाल यादव वहां के खास दरबारी हुआ करते थे। लालू के साथ सुर में सुर मिलाया करते थे और खूब फगुआ गीत गाए जाते थे। लेकिन समय बदला लालू ने परिवार मोह में रामकृपाल यादव का टिकट काटा तो वे बीजेपी की शरण में पहुंच गए। तब से दो बार पाटलिपुत्र सीट से लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती को पटखनी देकर संसद पहुंच गए। मोदी सरकार की पहली पारी में उन्हें मंत्री बनने का भी मौका मिला।


बिहार में चुनावी साल में होली का रंग में डूबे सांसद महोदय को पार्टी को फिर से जीत के राह पर ले जाने की बड़ी जिम्मेवारी सांसद रामकृपाल यादव के उपर भी है। इपने संसदीय क्षेत्र में खासी लोकप्रियता बटोर चुके सांसद महोदय को बीजेपी लालू परिवार के खिलाफ तुरूप के इक्का के तौर पर इस्तेमाल करती रही है और सांसद महोदय भी परीक्षा में पास होते आए हैं। अब होली का रंग चुनावी रंग को कितना रंगीन करेगा इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा