हो गया बड़ा खुलासा ! NDA में शामिल हुए इस पार्टी के नेता ने बता दिया किस फॉर्मूले पर होगी सीट शेयरिंग, इन लोगों की बढ़ेगी मुश्किलें

हो गया बड़ा खुलासा ! NDA में शामिल हुए इस पार्टी के नेता ने बता दिया किस फॉर्मूले पर होगी सीट शेयरिंग, इन लोगों की बढ़ेगी मुश्किलें

PATNA : देश में अगले साल लोकसभा का चुनाव होना है इस चुनाव को लेकर देश समेत राज्यों की पार्टी भी अपने तौर - तरीकों से रणनीति बनाने में जूट गई है। ऐसे में इस चुनाव से पहले जो सबसे बड़ी चीज़ है वो ये है कि- आखिर राज्यों में गठबंधन में चुनाव लड़ रही पार्टी को केंद्र में चुनाव लड़ने वाली पार्टी कितनी सीटें देगी। अब सवाल यह भी उठना शुरू हो गया है कि- जिन मंसूबों को लेकर छोटी - छोटी पार्टी बड़े पार्टी के साथ गठबंधन कर रही है उसमें उसे सफलता मिलेगी भी या नहीं। ऐसे में अब इन तमाम सवालों में से देश की सबसे बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले नेता ने बड़ा राज खोल दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर बता दिया है कि भाजपा सीट बंटवारा का कौन सा फार्मूला अपना रहा है। 


दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के सीट शेयरिंग फॉर्मूले के लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। मगर अभी तक यह फॉर्मूला सार्वजनिक नहीं हुआ है। लेकिन, बीजेपी के घटक दल में शामिल एक नेता ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि सीट बंटवारा को लेकर भाजपा एक एजेंसी से सर्वे करवा रहे हैं। इस सर्वे के नतीजे के आधार पर ही एनडीए में सीटों का बंटवारा किया जाएगा। यह बात हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कही है। 


मांझी ने कहा कि - सर्वे अभी जारी है। इससे यह पता लगाया जा रहा है कि किस सीट पर एनडीए में शामिल कौनसी पार्टी मजबूत है। जिस सीट पर जो पार्टी मजबूत होगी, उसी का उम्मीदवार वहां से चुनाव लड़ेगा। यानी कि सर्वे के नतीजों के आधार पर ही सीटों का बंटवारा होगा। एनडीए में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। जिसे जो सीट मिलेगी, वह वहां चुनाव लड़ेगा। जिस सीट पर हमारी पार्टी (HAM) चुनाव नहीं लड़ेगी, वहां पर भी एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार का मजबूती से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।


आपको बताते चलें कि,  बीजेपी की ओर से बिहार की कई सीटों को लेकर एक इंटरनल सर्वे कराया गया था। उस सर्वे के रिपोर्ट काफी निराशाजनक थे। उस सर्वे में ये पाया गया कि 2019 में जेडीयू के हिस्से गई कई सीटों पर बीजेपी का स्पष्ट जनाधार नहीं है। उन सीटों पर एनडीए को मात खानी पड़ सकती है। ऐसे में पार्टी उन सीटों पर कोई बड़े चहरे को उतार कर खुद को मजबूत बनाना चाहती है। तो इस सर्वें में यह भी आया कि भाजपा के पुराने सहयोगी दल के कुछ सांसदों को लेकर लोगों के बीच अच्छी फीडबैक नहीं है इतना ही नहीं बल्कि भाजपा के भी कई सांसद का फीडबैक सही नहीं है लिहाजा उनका भी टिकट काटना तय है।