PATNA : रूपेश सिंह की हत्या के बाद भले ही पटना पुलिस ने एसआईटी से लेकर एसटीएफ तक को जांच में लगा दिया है, लेकिन हाईप्रोफाइल केस के मामले में पटना पुलिस का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है. राजधानी पटना में कई ऐसे हत्याकांड हुए हैं जिनमें पुलिस महीनों बाद तक कुछ भी हासिल नहीं कर पाई. पटना पुलिस की तरफ से एसआईटी बनाए जाने के बावजूद कई मामलों में अपराधी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. कुछ मामलों में पुलिस ने अपराधियों की पहचान भी की है. तब भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है.
बीजेपी नेता की हत्या का केस
बीते साल अक्टूबर महीने में बेऊर थाने के तेजप्रताप नगर में बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बीजेपी नेता राकेश कुमार झा की हत्या उस वक्त की गई जब वह अपने घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. मॉर्निंग बात करते-करते राजेश कुमार झा जैसे ही सीता राम उत्सव हॉल के पास पहुंचे तभी बाइक सवार दो अपराधियों ने उनके पास आकर बातचीत शुरू की और फिर सिर में पिस्टल सटाकर गोली मार दी। इस घटना के 3 महीने गुजर जाने के बावजूद अब तक पटना पुलिस किसी की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है.
प्रॉपर्टी डीलर का मर्डर केस
23 अगस्त 2020 को बेऊर थाना इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस पर अपराधियों ने हमला बोला. कार्बाइन से अंधाधुंध फायरिंग की इस वारदात में 4 लोग घायल हुए और एक प्रॉपर्टी डीलर की मौत हो गई. घटना के बाद अपराधियों को पकड़ने के लिए एसआईटी बनाई गई. पुलिस का दावा है कि इस पूरे वारदात में शामिल अपराधियों की पहचान कर ली गई है, लेकिन हैरत की बात यह है कि पटना पुलिस अब तक इस मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई.
जमीन कारोबारी की हत्या
बीते साल सितंबर महीने में जमीन कारोबारी शिव शंकर उर्फ कल्लू की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. खाजेकलां थाना इलाके के पास कल्लू की हत्या की गई, लेकिन अब तक पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की. इसके साथ-साथ अक्टूबर महीने में अथमलगोला के रहने वाले छात्र राजा कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजा कार से किसी की बर्थडे पार्टी में शामिल होने जा रहा था. उसी वक्त उसकी हत्या हुई सितंबर महीने में दानापुर कोर्ट जा रहे हरेंद्र सिंह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस दोनों मामले में भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है.