PATNA : पटना हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भारी पड़ेगा। पटना के गरीब बच्चों का दाखिला स्कूलों में सुनिश्चित कराने को लेकर पटना हाईकोर्ट में काफी पहले आदेश दिया था। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत ये आदेश दिया गया था लेकिन कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।
शिक्षा के अधिकार के तहत पटना के गरीब बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी पटना हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी थी। लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। एक गरीब बच्चे की मां ने हाईकोर्ट में अवमानना का मामला दायर कर गुहार लगाई कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उसके बच्चे का दाखिला नहीं हुआ। हाईकोर्ट के जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि शिक्षा के अधिकार के तहत पटना के सभी स्कूलों में पांच हजार बच्चों का दाखिला किया जाना था। लेकिन दो हजार से भी कम बच्चों का ही दाखिला हुआ। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और साल 2018 से अबतक पटना में तैनात उन तमाम डीईओ की सूची पेश करने का निर्देश दिया। अब इन सभी को प्रतिवादी बनाकर उनसे जवाब तलब किया जाएगा। इन अधिकारियों से पूछा जायेगा कि उनके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना का मामला चलाया जाए।
हाईकोर्ट ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिस्ट के साथ 11 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई उसी दिन होगी। दरअसल शिक्षा के अधिकार के तहत हर साल पटना के सभी स्कूलों में 30 प्रतिशत गरीब बच्चों का दाखिला कराना जरूरी है और इसी के मद्देनजर कोर्ट ने यह जिम्मेदारी डीईओ को दी थी।