DESK: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर नाराजगी जाहिर की है। दरअसल कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 जिले के डीएम के साथ पीएम मोदी ने वर्चुअल मीटिंग की। जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता ने कहा कि 10 राज्यों के मुख्यमंत्री भी वर्चुअल मीटिंग में मौजूद थे लेकिन किसी को बोलने नहीं दिया गया। किसी को बोलने की इजाजत ना देना अपमानजनक है। बैठक के दौरान सभी मुख्यमंत्री शांत बैठे रहे। किसी ने भी इस दौरान कुछ नहीं कहा।
पीएम के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर अपनी नाराजगी जाहिर की। ममता ने कहा कि हमें बंगाल के लिए 3 करोड़ वैक्सीन की मांग करनी थी लेकिन मुझे बोलने ही नहीं दिया गया। केंद्र से इस महीने 13 लाख वैक्सीन मिली जबकि 24 लाख की सप्लाई की जानी थी। ममता ने कहा कि बैठक में वे बतौर मुख्यमंत्री मौजूद थीं इसलिए डीएम को शामिल नहीं होने दिया गया और इस बैठक में हमें बोलने का मौका भी नहीं दिया गया।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने पर केंद्र सरकार ने टीम भेजी लेकिन लेकिन वैक्सीन, दवाई, ऑक्सीजन कुछ भी मुहैया नहीं कराया गया है। बंगाल में वैक्सीनेशन की स्पीड कम होने के लिए ममता ने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। ममता ने कहा कि हमने प्राइवेट तौर पर 60 करोड़ रुपए की वैक्सीन खरीदी है। ममता ने वैक्सीन की दूसरी डोज 3 महीने बाद दिए जाने पर भी सवाल उठाए।
देश में कोरोना के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के सीएम और 54 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ आज बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरीये पीएम मोदी ने उनसे बातचीत की। इस दौरान कोरोना के हालात और इसकी रोकथाम को लेकर चर्चा की गयी। आज की बैठक में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पुड्डुचेरी, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, उड़ीसा, केरल और हरियाणा के डीएम इस बैठक में शामिल हुए। कोरोना की स्थिति पर यह प्रधानमंत्री की दूसरी बैठक है जिसमें 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और जिले के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 6 मई को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी नाराजगी जाहिर की थी। झारखंड के मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके यह कहा था कि 'आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वह काम की बात करते और काम की बात सुनते।'