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1st Bihar Published by: Updated Fri, 11 Sep 2020 06:39:36 AM IST
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DELHI : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD अपने प्रतिद्वंदी जनता दल यूनाइटेड से हार का सामना करने जा रही है. राज्यसभा के उप सभापति के चुनाव में आरजेडी ने अपने सांसद मनोज झा को मैदान में उतारने का फैसला लिया है. मनोज झा 12 विपक्षी दलों के उम्मीदवार होंगे लेकिन राज्यसभा के संख्या बल को देखते हुए उनकी जीत की कहीं कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.
डीएमके ने मना किया को मनोज झा बने उम्मीदवार
दरअसल राज्यसभा के उप सभापति का चुनाव इसी सोमवार को होना है. केंद्र की सत्ता पर काबिज एनडीए ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उप सभापति का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. हरिवंश पहले भी राज्यसभा के उप सभापति थे. 2018 में वे बीके हरिप्रसाद को हराकर उप सभापति बने थे. लेकिन 2020 में ही उनका सांसद के तौर पर कार्यकाल खत्म हुआ. लिहाजा वे उप सभापति पद से मुक्त हो गये थे. हरिवंश फिर से सांसद चुने गये हैं. अब नये सिरे से उप सभापति का चुनाव हो रहा है और एनडीए ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है.
उधर कांग्रेस समेत 12 विपक्षी पार्टियां एनडीए उम्मीदवार का विरोध कर रही हैं. विपक्षी पार्टियों ने डीएमके के तिरूचि सिवा को राज्यसभा चुनाव में उप सभापति का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया था. लेकिन डीएमके नेतृत्व ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने से इंकार कर दिया. लिहाजा गुरूवार को फिर से विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. इस बैठक में आरजेडी के सांसद मनोज झा को उप सभापति पद के चुनाव में विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया.
आरजेडी के सांसद मनोज झा दिल्ली यूनिवर्सिटी में शिक्षक थे. 2016 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनाया था. तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले मनोज झा राज्यसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलते रहे हैं.
आरजेडी उम्मीदवार की हार तय
राज्यसभा उप चुनाव में जेडीयू और आरजेडी के बीच लडाई होने जा रही है. ठीक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले. हालांकि दोनों चुनाव में कोई वास्ता नहीं है. लेकिन इस चुनाव परिणाम का मनोबल पर असर जरूर पड़ सकता है. राज्यसभा के समीकरण बता रहे हैं कि आरजेडी के उम्मीदवार की जीत के कोई आसार नहीं हैं. 244 सदस्यों वाली राज्यसभा में बीजेपी के 87 सांसद हैं. वहीं उसके सहयोगियों में AIDMK के 9, JDU के 5, अकाली दल के 3, LJP के एक, MDMK के एक, 4 मनोनीत सदस्यों के अलावा दो निर्दलीय सांसद शामिल हैं. ये संख्या 113 होती है.
जेडीयू के हरिवंश को कई दूसरी पार्टियों का भी समर्थन हासिल होगा. बीजू जनता दल के नवीन पटनायक के 9, तेलंगाना राष्ट्र समिति के 7 और वाईएसआर कांग्रेस के 6 सांसदों का समर्थन भी उन्हें मिलने की पूरी संभावना है. ऐसे में जेडीयू उम्मीदवार के समर्थक सांसदों की संख्या 135 हो जाती है. लिहाजा उनकी जीत में कोई संदेह नहीं रह गया है.