MUZAFFARPUR: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर हुए तबादलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोक लगा दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए तबादलों प मुख्यमंत्री ने रोक लगाई है। इससे पहले एनडीए की सरकार में भी मुख्यमंत्री ने इस विभाग में हुए तबादलों पर रोक लगा दिया था। एनडीए की सरकार में बीजेपी कोटे से राजस्व एवं भूमि सुधार रामसूरत राय ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के पीछे के असली खेल को बताया है।
दरअसल, बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग में पिछले दिनों 480 कर्मियों का तबादला किया गया था। आरजेडी कोटे से विभाग के मंत्री बने आलोक मेहता के निर्देश पर सभी तबादले हुए थे लेकिन एक महीने के बाद मुख्यमंत्री ने गड़बड़ी का हवाला देते हुए सभी तबादलों पर तत्काल रोक लगा दिया है और कहा है कि विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से तबादले किए गए थे। अब एनडीए की सरकार में भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रहे रामसूरत राय ने तबादलों पर रोक लगने के बात बड़ा खुलासा किया है।
रामसूरत राय ने कहा है कि जब भी सरकार बदलती है तो विधायक और नेता चाहते हैं कि उनके इलाके में उनके हिसाब से अधिकारियों की पोस्टिंग हो ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश होता है कि विधायकों की पैरवी को सुनना है, जो कि कानून संवत नहीं है। जिन विधायकों की पैरवी नहीं सुनी जाती है तो वे मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करते हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री निजी एजेंसी से इसकी जांच कराते है। जांच एजेंसी द्वारा भी इसमें खेल खेला जाता है और उसी की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री एक्शन लेते हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ही इस तरह की गड़बड़ियां नहीं हैं बल्कि करीब करीब सभी विभागों में इस तरह की गड़बड़ी मिल जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री सिर्फ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ही निशाना बनाते हैं, इसके पीछे बड़ी वजह है। पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक शीर्ष करीबी अधिकारी हैं जो रियल एस्टेट का कारोबार करते हैं और बड़े पैमाने पर इस कारोबार में पूंजी लगा रखा हैं और इस सारे खेल के पीछे उसी अधिकारी का हाथ होता है।
रामसूरत राय ने कहा कि मुख्यमंत्री का करीबी शीर्ष अधिकारी अपने हिसाब से अधिकारियों की ट्रासफर पोस्टिंग कराता है ताकि उसे अपने जमीन के कारोबार में कोई दिक्कत नहीं हो। यही वजह है कि नीतीश कुमार हर बार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ही अपना निशाना बनाते हैं। यह विभाग जब बीजेपी के कोटे में था तब भी मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दिया था और अब जब आरजेडी के कोटे में है तब भी रोक लगा दिया है लेकिन जब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जेडीयू के कोटे में था तब मुख्यमंत्री ने कभी भी ट्रांसफर और पोस्टिंग पर रोक नहीं लगाया था।