PATNA : कोरोना की वजह से पिछले दो साल से हज यात्रा पर रोक लगी थी. इस पर कोरोना का प्रभाव कम होने की वजह से सऊदी सरकार ने हज यात्रा की इजाजत तो दे दी है लेकिन कुछ पाबंदियों के साथ. दरअसल, इस साल सऊदी अरब सरकार ने केवल 10 लाख लोगों को ही हज करने की इजाजत दी है. इन 10 लाख लोगों में वो लोग भी शामिल होंगे जो सऊदी के अंदर रह रहे हो और जो लोग विदेश से सऊदी हज करने आएंगे.
इसके अलावा सउदी सरकार ने 65 साल से ज्यादा उम्र वालों के हज पर जाने पर रोक लगा दी है. पहले हरी झंडी दी थी, जिससे 16 दिसंबर 2021 से बुजुर्गों ने भी हज फॉर्म भरा था. अब सउदी सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर कहा है कि जिनकी उम्र 30 अप्रैल 2022 को 65 वर्ष से अधिक होगी, उन्हें हज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसकी वजह ज्यादा उम्र वालों को कोरोना होने की आशंका बताई है.
यह फैसला कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, सऊदी सरकार ने यह भी एलान किया है कि वह केवल दोनों डोज लिए हुए हज यात्री को हज करने की इजाजत देगा. सऊदी हुकुमत के इस फैसले से कई लोग प्रभावित होंगे.
नई गाइडलाइन का सबसे ज्यादा असर बिहार के आजीमने हज पर पड़ा है. बिहार से इस साल 2972 हज यात्रियों ने मुबारक सफर पर जाने के लिए आवेदन दिया था, जिनमें 50 फीसदी ऐसे हैं जिनकी उम्र 65 से ज्यादा है. उधर, 65 साल से अधिक उम्र वालों पर रोक के बाद हज पर जाने के लिए फॉर्म भरने का एक और मौका दिया गया है. बिहार हज कमेटी के दो बार चेयरमैन रहे हज मामलों के जानकार मौलाना अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि केंद्र सरकार को सउदी सरकार से इस बाबत बात करनी चाहिए.