हड़ताल के दौरान बिहार में 14 नियोजित शिक्षकों की हुई मौत, लिस्ट के साथ शिक्षक संघ का दावा : कोरोना से ज्यादा भयावह है हालात

हड़ताल के दौरान बिहार में 14 नियोजित शिक्षकों की हुई मौत, लिस्ट के साथ शिक्षक संघ का दावा : कोरोना से ज्यादा भयावह है हालात

PATNA : बिहार में कोरोना वायरस के बीच जारी नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को लेकर शिक्षक संघ ने अब नई जानकारी साझा की है. शिक्षक संघ के मुताबिक बिहार में हड़ताल के दौरान 14 नियोजित शिक्षकों की मौत हो चुकी है.  बिहार परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की तरफ से एक जारी की गई है जिसमें हड़ताल अवधि के दौरान जान गवाने वाले 14 शिक्षकों का नाम लिखा गया है. शिक्षक संघ ने दावा किया है कि बिहार में कोरोना से ज्यादा खराब हालात हड़ताली शिक्षकों का है.


संघ ने बताया मौत का कारण

संघ ने दावा किया कि है कि गोपालगंज के भोरे के प्रखंड शिक्षक रंगीला यादव की मौत उस दौरान हो गई जब 6 मार्च को मंत्री के द्वारा होली में वेतन नहीं देने की घोषणा हुई तो उनको हार्ट अटैक हो गया. भगवानपुर के प्रखंड शिक्षक राजीव कुमार की मौत बीमारी के कारण हो गई. वेतन नहीं मिलने के कारण वह इलाज नहीं करा सके हैं. वैशाली के लालगंज के माध्यमिक शिक्षक अरविंद कुमार वेतन नहीं रहने के कारण तनाव में रहते थे. जिसके कारण उनका ब्रेन हेमरेज हो गया.

कई मांगों को लेकर हड़ताल

बिहार के नियोजित शिक्षक कई मांगों को लेकर हड़ताल पर है. वह सरकार से अपनी मांग कर रहे है. शिक्षकों के हड़ताल के कारण लॉकडाउन से पहले ही स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो गया था. तीन अप्रैल को फरवरी माह के वेतन भुगतान को लेकर हड़ताली शिक्षक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास गुहार भी लगाए है. हड़ताली शिक्षकों ने बिहार सरकार की शिकायत की है कि उनका वेतन सरकार जान बूझकर रोक कर रखी है. इस वेतन का भुगतान कराया जाए.