PATNA: बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को होली के दिन ट्रेनिंग दी जायेगी. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले कक्षा एक से पांच तक के करीब 20 हजार शिक्षकों को होली की छुट्टी रद्द कर दी है. उन्हें ट्रेनिंग लेने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद यानि SCERT के सेंटर पर हाजिर होने को कहा गया है. शिक्षा विभाग ने न सिर्फ शिक्षकों बल्कि SCERT के तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों की भी होली की छुट्टी रद्द कर दी है. उन्हें भी ड्यूटी पर तैनात रहने को कहा गया है.
होली के दिन ट्रेनिंग देने का ये फैसला ऐतिहासिक है. बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि होली जैसे पर्व में भी सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए आने को कहा जाये. शिक्षक परेशान हैं और सरकार खामोश है. हिन्दू पर्वों का मामला जोर शोर से उठाने वाली बीजेपी के नेताओं की जुबान बंद है. केके पाठक के फरमान के सामने पूरी सरकार नतमस्तक है.
25 से 30 मार्च तक प्रशिक्षण शिविर
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद यानि SCERT ने करीब 20 हजार शिक्षकों को 25 से 30 मार्च तक प्रशिक्षण देने का आदेश जारी किया है. लिहाजा 20 हजार शिक्षकों को होली की छुट्टी रद्द कर दी गई है. शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार शिक्षकों को होली के दिन भी ट्रेनिंग के लिए कॉलेज जाना होगा होगा. एससीईआरटी के निदेशक सज्जन आर ने इस बाबत आदेश जारी किया है. इसमें 25 से 30 मार्च तक सभी ट्रेनिंग संस्थानों में छुट्टियां रद्द कर दी है.
शिक्षा विभाग की ओर से CTE DIET, PTEC और BITE संस्थान के प्राचार्यों को आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि चूंकि शिक्षकों को ट्रेनिंग दिया जाना है लिहाजा प्रशिक्षण केंद्रों के सारे कर्मचारियों और व्याख्याता ड्यूटी करेंगे. अगर उनमें से किसी ने पहले से छुट्टी ली है तो उसे रद्द कर दिया गया है. SCERT के निदेशक सज्जन आर की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों के कौशल विकास के लिए ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
शिक्षकों में आक्रोश, सरकार खामोश
बिहार में होली जैसे पर्व के दिन छुट्टी रद्द कर ड्यूटी पर बुलाने का ये पहला मामला है. इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश है. शिक्षकों ने सरकार के समक्ष गुहार लगायी है लेकिन सरकार खामोश है. होली के दिन ट्रेनिंग के आदेश से महिला व्याख्याता और शिक्षक ज्यादा परेशान हैं. शिक्षक होली के दिन ड्यूटी पर आने के दौरान सुरक्षा का मामला भी उठा रहे हैं. लेकिन सरकार बेबस है. केके पाठक के फरमान के बाद सरकार कुछ बोलने को तैयार नहीं है. दिलचस्प बात ये भी है कि हिन्दू पर्वों को लेकर सबसे ज्यादा हो-हल्ला करने वाली भाजपा के नेता भी खामोश बैठे हैं.