PATNA : पटना में जिम ट्रेनर को गोली मारने के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ राजीव सिंह और उसकी पत्नी खुशबू सिंह के खिलाफ आगे की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस ने इन दोनों को शनिवार के दिन बैठाकर पूछताछ की लेकिन इसके बाद डॉ राजीव सिंह और उसकी पत्नी को छोड़ दिया गया। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या डॉक्टर और उनकी पत्नी को इस मामले में सेफ पैसेज देने का खेल खेला जा रहा है? दरअसल इस बात की आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि डॉ राजीव सिंह जेडीयू का नेता है और उसकी पहुंचे सत्ता के गलियारे से लेकर हाई प्रोफाइल जोन तक है। शनिवार को जिस तरह राजीव सिंह और उसकी पत्नी को पुलिस ने घर जाने दिया उसके बाद से ही लगातार इस तरह की चर्चा हो रही है कि राजीव सिंह इस मामले को मैनेज करने में जुटा हुआ है। उसके पीछे कई लोग खड़े हैं और जिम ट्रेनर की तरफ से आरोप लगाए जाने के बावजूद फिलहाल पुलिस से करवाया उसके प्रति नरम दिख रहा है।
इधर डॉक्टर और उसकी पत्नी के के खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं करने वाली पटना पुलिस से यह दावा कर रही है कि वह जल्द ही शूटर्स को गिरफ्तार कर लेगी। जिम ट्रेनर को गोली मारने वाले शूटर्स की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए करने का दावा पुलिस कर रही है। पटना के टाउन एएसपी अमित रंजन के मुताबिक जिम ट्रेनर पर हुए हमले के मामले में पुलिस जांच कर रही है। हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा दिया गया है। पुलिस दावा कर रही है कि असली गुनाहगार नहीं पाएंगे और सबूत के आधार पर ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर गोली लगने के बाद जिम ट्रेनर ने जो बयान दिया उसका वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। जिम ट्रेनर ने अपने ऊपर हुए हमले के बारे में पूरी जानकारी दी है।
डॉ राजीव सिंह और उसकी पत्नी के ऊपर इस मामले में हमला कराने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में पहली बार डॉ राजीव सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। 3 महीने के अंदर 1100 बार अपनी पत्नी को कॉल किए जाने के मामले पर डॉ राजीव सिंह ने पल्ला झाड़ा है। उसका कहना है कि हमले का इससे कोई कनेक्शन नहीं है हालांकि डॉक्टर और उसकी पत्नी के बीच संबंधों की पुष्टि पुलिस से पहले ही कर चुकी है। फर्स्ट बिहार आपको इस मामले से जुड़े हर पहलू की जानकारी देता रहा है। अब देखना होगा कि डॉ राजीव सिंह अपने रसूख का इस्तेमाल कर इस मामले को मैनेज कर पाने में सफल होता है या फिर वाकई जिम ट्रेनर की तरफ से लगाए गए आरोपों के आधार पर पुलिस से कार्रवाई करती है।