PATNA:अपनी आठ सूत्री मांगों लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित भाजपा के कई नेता महामहिम राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलकर बीजेपी नेताओं ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। बीजेपी नेताओं ने गवर्नर से कहा कि नीतीश-तेजस्वी सरकार की महागठबंधन सरकार विगत एक वर्ष से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं । विगत एक वर्ष बिहार के लिए एक काले अध्याय के रूप में उभरा है। बिहार में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है एवं यह सरकार अब जन सामान्य के लोकतान्त्रिक अधिकारों को कुचलने पर आमादा है।
विगत महीनों में कई ऐसे कार्य इस सरकार ने किए हैं जो बिहार में सुशासन के कमजोर पड़ने की निशानी है बानगी है | एनडीए के शासन काल में बिहार में कानून व्यवस्था सुधिध थी, विकास के कार्य संचालित हो रहे थे, लेकिन विगत एक वर्ष से ये सारी परिस्थियाँ बदलती हुई दिखाई पड़ रही है । बिहार में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है। जंगलराज द्वार पर खड़ा है, सैकड़ों की संख्या में हत्याएं हो रही है। खुद पटना के पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता करके कहा की अकेले पटना में एक महीने में 30 हत्याएं हुई हैं । सवाल यह है की अगर राजधानी की यह स्थिति है तब बिहार के अन्य जिलों की क्या स्थिति होगी ? पूरे प्रदेश में साम्प्रदायिकता की आग फैली हुई है। कैमूर, सासाराम, बिहारशरीफ, दरभंगा, भागलपुर में इस प्रकार की घटनाएं लगातार हुई हैं और यह सरकार तुष्टिकरण की नीतियों के तहत आवश्यक कारवाई नहीं हो रही है |
बीजेपी नेताओं ने अपने ज्ञापन में लिखा कि प्रदेश हिंसा और अपराध की आग में झुलस रहा हैं और जनता भय, असुरक्षा के साये में जीवन बिताने को मजबूर हैं। बिहार का युवा छात्र महिला किसान अपनी मांगों को लेकर जब पटना की सड़कों पर उतरता + हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जाती है। भाजपा ने जब बिहार के आमजन की आवाज बनकर गठबंधन सरकार के विरुद्ध शांतिपूर्ण तरीके से 13 जुलाई को विधान सभा मार्च निकला तो कार्यकार्ताओ पर पानी की बौछार, आसूं गैस के गोले दागे जा रहे हैं, बर्वरतापूर्ण लाठीचार्ज कर हजारो लोगों को जख्मी कर दिया गया जिसमें भाजपा जहानाबाद के जिला महामंत्री स्व० विजय सिंह की हत्या कर दी गई | भारतीय जनता युवा मोर्चा ने इन सभी विषयों को लेकर प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान 24 जुलाई से 09 अगस्त तक चलाया हैं । जिसमें 25 लाख से अधिक युवाओं ने अपना हस्ताक्षर कर अभियान के सहभागी बने।
बिहार में शर्मशार हो रही लोकतांत्रिक व्यवस्था, बढ़ते अपराध, दरभंगा एम्स, छात्र युवाओं के प्रति महागठबंधन सरकार की उदासीनत से प्रदेश के आमजन तथा नौजवानों में आक्रोश व्याप्त हैं। बीजेपी नेताओं ने अपनी आठ सूत्री मांग राज्यपाल के समक्ष रखी। 1. बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार, अराजकता, धार्मिक उन्माद के प्रति कठोर कार्रवाई हो | 2. छात्र, युवा और आम जनता की आवाज को लाठी और गोलियों की मार से दबाना बंद करें | 3. बिहार के युवाओं से 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा पूरा करे । 4. शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे । 5. भाजपा कार्यकर्त्ता शहीद विजय सिंह के हत्यारों को सजा दे | 6. 1700 करोड़ रुपये के सुल्तानगंज-अगुवानी पुल ध्वस्त घटना में संलिप्त भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही जल्द हो । 7. नीतीश जी की सरकार में बालू माफिया, शराब माफिया एवं जमीन माफिया का प्रशासन में गठजोड़ हो जाने के कारण अपराध चरम पर है। भाजपा यह मांग करती है की इन सभी घटनाओं को वर्गीकृत करके न्यायिक जांच करायी जाए। 8. 2015-2016 के बजट में भारत सरकार ने 1264 करोड़ के लगत से 750 बेड की दरभंगा एम्स की स्वीकृति दी थी |
बीजेपी नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार की लापरवाही और नीतीश कुमार की उदासीनता के चलते अधर में लटका हुआ हैं, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए सरकार में रहते हुए दरभंगा DMCH परिसर के 200 एकड़ जमीन पर एम्स निर्माण के लिए कैबिनेट से पारित करके प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था | भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद DMCH में मिट्टी भराई का काम चालू भी राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया था लेकिन महागठबंधन की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स को अटकाने के चक्कर में पहले अशोक पेपर मील फिर बागमती नदी के किनारे जहाँ 30 से 40 फीट गहरी खाई हैं, उसमें एम्स निर्माण भी घोषणा कर दी। डी.एम.सी.एच के प्रारम्भिक दो चरण के कार्य प्रारम्भ होने बाद, बार-बार स्थल बदलने का औचित्य नहीं था । इसमें साफ़ हैं की नीतीश कुमार की सरकार बिहार में एम्स निर्माण नहीं करना चाहती हैं ।