स्कूल-कोचिंग चलाते चलाते बाबा बने ‘राजऋषि’ का किस्सा-राज्यपाल के सामने आशीर्वाद देने का सपना अधूरा रह गया

स्कूल-कोचिंग चलाते चलाते बाबा बने ‘राजऋषि’ का किस्सा-राज्यपाल के सामने आशीर्वाद देने का सपना अधूरा रह गया

DESK: स्कूल और कोचिंग चलाते चलाते पहले बाबा फिर आचार्य और अब खुद को राज ऋषि घोषित करने वाले वाई के सुदर्शन का सपना आज अधूरा रह गया. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने उनके आशीर्वाद वाले समारोह में जाने से मना कर दिया. महामहिम के सामने आशीर्वाद देने की तमन्ना अधूरी रह गयी. पूरे पटना में लगाये गये थे होर्डिंग पोस्टर “राजऋषि” आचार्य सुदर्शन जी महाराज के साथ साथ राज्यपाल फागू चौहान की तस्वीर वाले होर्डिंग पिछले दो-तीन दिनों में पूरे पटना में लगाये गये थे. 5 सितंबर को राजऋषि के स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह रखा गया था. वहां बाबा को महामहिम के साथ आशीर्वचन देना था. राज्यपाल ने उनके कार्यक्रम में जाने की मंजूरी दे दी थी. लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें शायद बाबा की कृपा का आभास हुआ. लिहाजा पटना में रहते हुए भी राज्यपाल ने राज ऋषि के कार्यक्रम में जाने से इंकार कर दिया. आखिरी वक्त में राजभवन से चिट्ठी भेज दी गयी-अपरिहार्य कारणों से महामहिम इस कार्यक्रम में नहीं जा सकते. दिल्ली से हुई थी महामहिम को बुलाने की सेटिंग दरअसल राज्यपाल फागू चौहान बिहार में नये आये हैं. उन्हें यहां की ज्यादा जानकारी नहीं है. जानकार बताते हैं कि उन्हें राज ऋषि के कार्यक्रम में शामिल कराने के लिए दिल्ली से सेटिंग की गयी थी. वहां महामहिम के एक निकटतम व्यक्ति को पकड़ा गया. उनके जरिये महामहिम से स्वीकृति दिलायी गयी. लेकिन बाद में महामहिम को हकीकत की जानकारी मिली. लिहाजा आखिरी वक्त में चिट्ठी भेजी गयी-महामहिम अपरिहार्य कारणों से कार्यक्रम में नहीं आ सकते.