PATNA : गोपालगंज जिले के खजूरबानी जहरीली शराबकांड मामले में पटना हाइकोर्ट ने बड़ा निर्णय लिया है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में बर्खास्त 21 में से 5 पुलिसकर्मियों की सेवा बहाल करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं बर्खास्तगी के दिन से ही वेतन और अन्य लाभ देने का आदेश दिया गया है.
आर्म्स गार्ड अनंजय सिंह आदि की याचिका की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की बेंच ने पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के 15 जून, 2020 के बर्खास्तगी आदेश को सेट एंड साइट करते हुए कहा कि डीजीपी का आदेश तथ्यहीन और लोगों के आक्रोश को कम करने वाला है.
पुलिस मैनुअल 2007 और सीसीए रूल के तहत नहीं है. बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वाइवी गिरि ने गुरुवार को बताया कि हाइकोर्ट ने पांच केसों में सुनवाई करते हुए कहा कि बर्खास्तगी के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया. पूरा ऑर्डर बिहार पुलिस एक्ट के खिलाफ है. हाइकोर्ट के आदेश से सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, नगर थाने में पदस्थापित मुंशी (एएसआइ) गुलाम मोहम्मद और आर्म्स गार्ड रहे अनंजय सिंह समेत पांच लोगों को तत्काल राहत मिल गयी है.
खजूरबानी जहरीली शराबकांड में सारण रेंज के डीआइजी विजय कुमार वर्मा की अनुशंसा पर डीजीपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन दारोगा, पांच जमादार समेत 21 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था. बाकी पुलिस अधिकारी व जवान ने भी हाइकोर्ट में अपील की है. उसमें फैसला आना बाकी है.
खजूरबानी कांड में बर्खास्त एसआइ अमित कुमार सिंह, एएसआइ गुलाम मोहम्मद, आर्म्स गार्ड अनंजय सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों की ओर से वरीय अधिवक्ता वाइवी गिरि, आशीष गिरि व संजय गिरि ने रिट याचिका दायर की थी. इसमें सरकार की पक्ष से पीके वर्मा, सरोज कुमार शर्मा, जीपी -4 मनीष कुमार और रवि वर्मा की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने डीजीपी के आदेश को रद्द कर दिया.