PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ से सीएम पद के कैंडिडेट को लेकर शक्ति सिंह गोहिल के ताजा बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है. महागठबंधन में शक्ति सिंह गोहिल के बयान से हड़कंप मच गया है. आरजेडी को बिहार कांग्रेस प्रभारी का यह बयान रास नहीं आ रहा. जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा कांग्रेस के स्टैंड से गदगद है. बिहार कांग्रेस प्रभारी मंगलवार को यह बयान देकर आरजेडी को चौंका दिया था कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट नहीं है. कमेटी का गठन होगा और उसके बाद ही किसी चेहरे पर सर्वसम्मति बनेगी.
शक्ति सिंह गोहिल के इस बयान से जीतन राम मांझी और साथ ही साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मांग को बल मिला है. यह दोनों नेता पहले से ही महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने की मांग करते रहे हैं. गोहिल का बयान इनके स्टैंड को समर्थन देता है ऐसे में अब आरजेडी के ऊपर कांग्रेस ने दबाव बढ़ा दिया है. तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर जो बयान दिया है वह यह है कि शक्ति सिंह गोहिल को बिहार की जमीनी हकीकत के बारे में अंदाजा नहीं है. राहुल तिवारी ने कहा है कि गोहिल बाहरी हैं और उन्हें हकीकत पता नहीं है. तेजस्वी बिहार में चुनाव के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.
उधर कांग्रेस के स्टैंड से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा फीलगुड में है. आरजेडी के सामने कई बार कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग को रख चुके हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने अब कांग्रेस के सामने कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने की गुहार लगाई थी. जीतन राम मांझी ने 26 जून को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ जब बैठक की थी तब भी उन्होंने आरजेडी की बजाय कांग्रेस के सामने मांग रखी थी कि वह महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन कराएं. मांझी पहले ही तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकारने से इंकार कर चुका हैं. ऐसे में कांग्रेस भी मांझी और उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन कर रही है. लिहाजा मांझी फील्ड में है मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बातचीत में कहा है कि कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग बहुत पहले से हो रही है और कांग्रेस ने उसी मांग को मजबूत तरीके से रखा है. आपको बता दें कि शक्ति सिंह गोहिल ने आरजेडी के सामने मांग रखी है कि वह तत्काल महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जबकि आरजेडी के विधायक यह कह रहे हैं कि जब महागठबंधन का स्वरूप ही तय नहीं है तो कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने क्या सवाल कहां उठता है.