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1st Bihar Published by: Updated Mon, 01 Jun 2020 01:22:38 PM IST
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PATNA :बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ब्रहेश्वर मुखिया को शहीद बताने के बाद सियासी बवंडर उठ खड़ा हुआ है। आरजेडी ने इसे बीजेपी वालों की परंपरा बताते हुए कहा है कि नरसंहार करने वालों को ये महात्मा बताते हैं।
गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर ब्रह्मेश्वर मुखिया को श्रद्धांजलि दी है। गिरिराज सिंह ने लिखा है कि ब्रह्मेश्वर मुखिया जी के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। ब्रह्मेश्वर मुखिया रणवीर सेना के सुप्रीमो थे और उनकी हत्या आज ही के दिन हुई थी। 1 जून 2012 को मुखिया अपने आवास की गली में ही टहल रहे थे उसी दौरान गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना को लेकर आरा, पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद एवं गया जिला समेत अन्य जगहों पर उपद्रव हुआ था।
ब्रह्मेश्वर मुखिया जी के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।🙏 pic.twitter.com/TAdBjhaj9j
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) June 1, 2020
अब इस पूरे मामले पर सियासत शुरू हो गयी है। पूरे मामले पर विपक्ष ने बीजेपी से लेकर नीतीश सरकार तक की घेराबंदी शुरू कर दी है। आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि बीजेपी वालों की यहीं परंपरा रही है कि नरसंहार करने वालों को ये महात्मा बताती रही है।उन्होनें कहा कि नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि कोरोना संकट के बीच जहां इससे निपटने की कोशिश की जानी चाहिए थी वे वहां शहीद का दर्जा बांटते चल रहे हैं। इस पूरे मसले पर बीजेपी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।
बता दें कि बिहार में अस्सी के दशक में जब जातिगत लड़ाई चरम पर थी। उस दौरान ब्रह्मेश्वर मुखिया कथित तौर पर अगड़ी जाति का नेतृत्व कर रहे थे। खासकर रणवीर सेना नामक संगठन से उनके जुड़े होने की बात कही जाती है। ये वही रणवीर सेना है जो बिहार में हुए कई नरसंहारों में लिप्त रही। इसके बाद नब्बे के दशक में बिहार पुलिस ने नाटकीय अंदाज में ब्रह्मेश्वर मुखिया को गिरफ्तार कर लिया। कहा तो ये भी जाता है कि मुखिया ने खुद को पुलिस के हवाले किया था। ताकि असुरक्षित माहौल में अपनी जान बचा सकें।
माना जाता है कि सितंबर 1994 में ब्रह्मेश्वर मुखिया के नेतृत्व में अनौपचारिक तौर पर रणवीर सेना का गठन हुआ था। ये सेना बिहार में प्रभावशाली भूमिहार जाति का प्रतिनिधित्व करती थी। जिसके पास अत्याधुनिक हथियार होने का भी दावा किया गया। सेना ने बाद में कई नरसंहारों को कथित तौर पर अंजाम दिया।