ब्रेकिंग न्यूज़

तेजस्वी से चार कदम आगे कांग्रेस: सीट शेयरिंग हुई नहीं लेकिन उम्मीदवार चुनने का काम शुरू, आज CEC की बैठक मूर्ति विसर्जन से लौटते वक्त रास्ते में गिर पड़ा हाथी, अचानक बिगड़ी तबीयत से मचा हड़कंप पतंग लूटने के दौरान मुजफ्फरपुर में दर्दनाक हादसा: पानी भरे गड्ढे में गिरने से दो बच्चों की मौत शिवहर में बागमती नदी में उफान, खतरे के निशान से 122 सेंटीमीटर ऊपर पहुँचा जलस्तर बक्सर में विश्वामित्र सेना के कार्यक्रम में बोले राजकुमार चौबे, कहा..बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव में खदेड़कर भगाया जाएगा बिहार में तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे तस्कर, आलू के बोरे के साथ शराब की बड़ी खेप बरामद Bihar Ips Transfer: नीतीश सरकार ने SP रैंक के 5 IPS अफसरों का किया ट्रांसफऱ,लिस्ट देखें... कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI) बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन का समापन, डॉ. संजीव कुमार बने अध्यक्ष बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर शंकराचार्य उतारेंगे निर्दलीय गौ भक्त प्रत्याशी, सनातनी राजनीति का किया शंखनाद बेगूसराय में अवैध मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ 3 अपराधी गिरफ्तार

बिहार के सरकारी अस्पताल में मरीजों के बीच घटिया दवा का वितरण, जिम्मेदार कौन?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Dec 2023 02:43:12 PM IST

बिहार के सरकारी अस्पताल में मरीजों के बीच घटिया दवा का वितरण, जिम्मेदार कौन?

- फ़ोटो

SHEOHAR: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करते हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत अस्पतालों में पहुंचने के बाद सामने आती है। अब जरा शिवहर के सदर अस्पताल को ही ले लीजिये जहां मरीजों को जो दवाईयां खाने के लिए दी जाती है उसे देखेंगे तो आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। यह दवाई खाने लायक भी नहीं होती है। इसे खाने से बीमारी दूर हो जाएगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।  


बीमारी को दूर करने के लिए लोग दवा खाते हैं लेकिन शिवहर सदर अस्पताल में जो दवाईयां मरीजों को दी जा रही है उसे खाने के बाद मरीज उल्टे और बीमार पड़ जाएंगे। इस अस्पताल में खराब दवा मरीजों के बीच बांटा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। घटिया दवाई मिलने पर एक मरीज ने डीआईओ से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 


दरअसल शिवहर सदर अस्पताल के मरीज को डॉक्टर ने कैप्सूल लिखा था जो अस्पताल से मरीज को दिया गया। दवा का मैन्युफैक्चरिंग डेट सितंबर 2022 है और एक्सपायरी डेट फरवरी 2024 है। अभी दिसंबर 2023 है दवा के एक्सपायरी होने में दो महीने बचे है लेकिन इससे पहले ही दवा पूरी तरह से खराब हो गयी है और घटिया दवा मरीजों को खाने के लिए दिया जा रहा है जो बेहद गंभीर बात है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ झलकती है। 


आखिर इसके लिए दोषी कौन है? यह बड़ा सवाल है कि क्या दोषियों को सजा मिलेगी? इसके लिए जो भी पदाधिकारी या अधिकारी दोषी है क्या उन पर कार्रवाई की जाएगी। यह देखने वाली बात होगी की डीएम, सिविल सर्जन और संबंधित अधिकारी इसे लेकर क्या कार्रवाई करते हैं?