घर पर सजी थी अर्थी, युवक निकला जिंदा, परिवार में दौड़ी खुशी की लहर

घर पर सजी थी अर्थी, युवक निकला जिंदा, परिवार में दौड़ी खुशी की लहर

GARHWA : अरे देखो वो आ गया...अपना लल्ला घर आ गया....बेटे को अपने आखो के सामने जीवित देख मां का चेहरा खुशी से खिल उठा। आखों से खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। बेटे को अपने आखों के सामने देख सीने से लगा बार-बार लाड़- प्यार करती रही। घर में जिस बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी हो गई थी, वह अब लौट आया था। कुछ देर पहले जिस घर में लोंगो का रो-रो कर बुरा हाल था अब वहां गंम के आंसू खुशी में बदल गए थे। 


बता दें कि,  एक गलतफहमी की वजह से मां का रो-रोकर हाल बेहाल था। ढांढस बंधाने वालों का तांत लगा था। पिता ने पोस्टमार्टम के बाद शव भी रिसीव कर लिया था। घर पर अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। कब्र भी खोद ली गई थी। तभी, उनका पुत्र आकर्षण घर पहुंच गया। आकर्षण को अपने आंखों के सामने देख परिजनों को तो कुछ देर के लिए अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। बेटे को जीवित देख घर वालों ने भगवान को शुक्रिया कहा। इस गलतफहमी आकर्षण के पिता को सड़क हादसे में मृत युवक की वाट्सएप पर गलत फोटो पहचानने से हुई थी। 


क्या है पूरा मामला

दरअसल, अपने दोस्त के सड़क हादसे की जानकारी मिलने पर आकर्षण अपने घायल दोस्त से मिलने मेदिनीनगर पहुंचा। जहां उसे पता चला कि उसके दोस्त को रिम्स में रेफर कर दिया गया है । इस घटना की जानकारी व्हाट्सएप के जरिए आकर्षण के पिता राजदेव बड़ा को दी गई। उन्हें पहचान के लिए उक्त घटना में मृत जितेंद्र कुमार की तस्वीर भेजी गई और गलती से आकर्षण के पिता ने उस तस्वीर को अपने बेटे आकर्षण समझ लिया। जिसके बाद वह भागे-भागे गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचे जहां पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र कुमार के शव को रिसीव कर लिया।


वहीं, आकर्षण मेदिनीनगर से यात्री बस पकड़ कर अपने घर खजुरी पहुंचा। आकर्षण भी अपना अंतिम संस्कार की व्यवस्था देख दंग रह गया उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। इसके बाद इसकी सूचना गढ़वा थाना को दी गई तब तक मृतक जितेंद्र के भी परिजन गढ़वा पहुंच चुके थे। प्रशासन की उपस्थिति में जितेंद्र कुमार का शव उन्हें सौंप दिया गया।