गांधी मैदान में युवक के CM नीतीश के पास पहुंचने में सामने आई अधिकारियों की लापरवाही, DM के पास आई रिपोर्ट

गांधी मैदान में युवक के CM नीतीश के पास पहुंचने में सामने आई अधिकारियों की लापरवाही, DM के पास आई रिपोर्ट

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में संबोधन के दौरान मंच के करीब युवक के पहुंचने की मुख्य वजह अब निकल कर सामने आ गई है। इसको लेकर पटना डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार सीएम की सुरक्षा में कई स्तर पर चूक हुई है। इस दौरान कई स्तर पर यह लापरवाही बरती गई। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह को सौंपी गई अपर जिला दंडाधिकारी एवं सिटी एसपी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। साथ ही इसमें भविष्य के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।


इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अगस्त को एक युवक चिल्लाते हुए मंच की ओर दौड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया, उसने अपना नाम नितेश कुमार, पिता-स्व राजेश्वर मंडल बताया। वह मुंगेर के सदर प्रखंड अंतर्गत गढ़ी गांव का रहने वाला है।


नितेश ने बताया कि उसके पिता बीएमपी 5 में सिपाही थे। 1996 के लोकसभा चुनाव से लौटने के समय पटना के मसौढ़ी में नक्सली हमले में वे बलिदान हो गए थे। तब वह और उसके दो भाई नाबालिग थे। इस कारण अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिल पाई, उसकी मां जयमाला देवी ने पुत्र की नौकरी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन किसी कारणवश आजतक नौकरी नहीं मिल पाई। वह इसी के लिए प्रयासरत था। इसी मांग को लेकर यह सीएम के पास जाने की कोशिश में था।


इस जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि सुबह 7.22 बजे वह अपने भाई एवं मां के साथ गेट नंबर छह से गांधी मैदान में घुसा। इसके बाद गेट नंबर पांच से गुजरते हुए दर्शक दीर्घा में चला गया।


विद्यार्थियों के स्टैंड से बैरिकेडिंग के नीचे से होते हुए महिला दीर्घा की ओर गया। सेना के पदाधिकारियों के लिए बने दीर्घा में बैठ गया। इसके बाद किसी अधिकारी द्वारा वह मां के साथ मंच के पीछे से मीडिया के लिए बने मंच की ओर जाने लगा।


वहां गांधी मैदान थानाध्यक्ष ने उसे समझाकर विशिष्ट अतिथि दीर्घा की ओर भेज दिया। वहीं से पिता के नाम पर मिला प्रशस्ति पत्र दिखाते हुए मंच की ओर जाने लगा। तब उसे पकड़ा गया।


इधर, इस संयुक्त जांच रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि मंच के निकट वीवीआईपी दीर्घा, प्रेस दीर्घा के कोने पर मुख्यमंत्री सुरक्षा के अतिरिक्त सादे लिबास में जिला बल के पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रहनी चाहिए। ऐसी परस्थिति को ससमय रोकने के लिए टेजर गन का प्रयोग किया जा सकता है। जिला पुलिस को टेजर गन आवंटित की जानी चाहिए।


क्या होती है टेजर गन

  दरअसल, टेजर गन पिस्टल की तरह दिखती है, लेकिन यह घातक नहीं होती। इससे दो तार और नीडल निकलते हैं, जो शरीर में घुस जाते है। इससे बिजली का झटका लगता है, जिसे इसका शॉक लगता है वह करीब दो मिनट के लिए अचेत हो जाता है। हालांकि, थोड़ी में वह सामान्य हो जाता है। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।