फुरकान अंसारी के बयान पर निशिकांत दुबे का पलटवार, कहा-मानसिक संतुलन खो चुके हैं फुरकान, कर रहे हैं गंदी राजनीति

फुरकान अंसारी के बयान पर निशिकांत दुबे का पलटवार, कहा-मानसिक संतुलन खो चुके हैं फुरकान, कर रहे हैं गंदी राजनीति

RANCHI: झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने मुगल शासक औरंगजेब पर लग रहे जबरन धर्मांतरण के आरोपों पर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि हम लोग भी पहले यादव थे, सामंतों के जुल्म की वजह से मुसलमान बने हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने किसी का जबरन धर्मांतरण नहीं कराया था। फुरकान अंसारी ने आगे कहा कि सामंतियों की जुल्म से परेशान होकर उनके दादा परदादा ने इस्लाम धर्म को अपना लिया था। फुरकान अंसारी के इस बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है गोड्डा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के इस बयान के बाद वर्तमान सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है। कहा है कि फुरकान अंसारी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और राजनीति कर रहे हैं। 


निशिकांत दुबे ने कहा कि शुरू से ही इतिहास गवाह है कि यादव पर जब भी कोई आफत आई है सुर वीरों की तरह लड़े हैं। किसी के दबाव में आकर धर्म परिवर्तन नहीं किये हैं। सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि यदुवंशी कट्टर हिंदू होते है और इनकी वीरगाथा बिहार, झारखंड,उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बच्चा-बच्चा जानता है। जब भी यदुवंशियों पर प्रचार हुआ है इंटर कास्ट पर जब भी बात हुई है तो यादव समाज ने कुर्बानी दी है। फुरकान अंसारी का बयान हास्यास्पद है। वे गंदी राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है फुरकान अंसारी को घर वापसी कर लेनी चाहिए। 


वही निशिकांत दुबे ने फुरकान अंसारी को नसीहत देते हुए कहा कि वह जिस धर्म में हैं उस धर्म के प्रति आस्था रखिए और धार्मिक बने रहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अच्छा काम किया किया है। आज मुसलमान हिंदू-हिंदू करने लगे हैंl गौरतलब है कि रांची के बाद देवघर के मधुपुर में अपने निवास पर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने अपने बयान पर ही दूसरी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनके गांव में कई ऐसे परिवार हैं जिसके बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि पहले यह सभी यादव थे लेकिन सामंतों के अत्याचार से यह सभी मुस्लिम बन गए लेकिन उनके बयान को बीजेपी अपने वोट के लिए इस्तेमाल कर कर रही है। दूसरी तरफ धर्मांतरण के बाद को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि संथाल परगना में कोई धर्मांतरण नहीं हो रहा है माहौल बदल चुका है और कोई भी किसी को दबाव देखकर धर्मांतरण नहीं कर सकता।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने कहा था कि हमें पूजा करने के लिए मंदिरों में घुसने नहीं दिया जाता था। हमारी बहु-बेटियों की इज्जत खतरे में थी। उन पर जुल्म किया करते थे। उनका शोषण होता था। उन्होंने आगे कहा कि मोदी राज में एक दलित राष्ट्रपति के मंदिर में प्रवेश करने पर गंगाजल से मंदिर को धोया गया था। बीजेपी वाले भी सामंती सोच के लोग है। मुस्लिम समाज में जो मंडरिया जाति है, पहले ये लोग अपना सरनेम मंडल लगाते थे। इसी प्रकार बड़ी संख्या में महतो, यादव भी थे जिन्होंने हिन्दू धर्म को छोड़कर इस्लाम कबूला था।


फुरकान अंसारी ने कहा था कि उनके पूर्वज कभी मुसलमान नहीं बनना चाहते थे लेकिन सामंतियों ने इतना प्रताड़ित किया कि लोगों को यह कदम उठाना पड़ गया। ऐसा करने के लिए मुगल शासक औरंगजेब ने किसी तरह का कोई दबाव नहीं दिया था। फुरकान अंसारी आगे कहते हैं कि मंदिरों में प्रवेश तो वर्जित था ही नलकुपों से पानी तक नहीं लेने दिया जाता था। कहते थे कि इससे पानी दूषित हो जाएगा। 


गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी कांग्रेस के टिकट पर गोड्डा से चुनाव लड़े थे। लेकिन इस बार बीजेपी के निशिकांत दुबे ने उन्हें चुनाव में हरा दिया था। लेकिन अब यह बातें निकल कर सामने आ रही है 2024 में फुरकान अंसारी फिर गोड्डा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि उनके बेटे डॉ. इरफान अंसारी भी कांग्रेस में हैं और जामताड़ा के विधायक भी हैं। फुरकान अंसारी और इरफान अंसारी दोनों पिता-पुत्र अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। इस बार भी फुरकान अंसारी अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं।