फ्लॉप हो गयी भूमिहारों के नाम पर सियासी दुकानदारी, एक हजार लोग भी नहीं जुटा पाये MLC सच्चिदानंद राय, देखिये वीडियो

फ्लॉप हो गयी भूमिहारों के नाम पर सियासी दुकानदारी, एक हजार लोग भी नहीं जुटा पाये MLC सच्चिदानंद राय, देखिये वीडियो

PATNA: बिहार में भूमिहारों के नाम पर जातीय दुकानदारी की एक और कोशिश फेल हो गयी. BJP के MLC सच्चिदानंद राय की ब्रह्मजन सभा बुरी तरह फ्लॉप हुई. आलम ये रहा कि 2 हजार लोगों की क्षमता वाले श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल की आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गयीं. आम लोग ही नहीं बल्कि सभा में गेस्ट के तौर पर बुलाये गये मेहमान भी कार्यक्रम से कन्नी काट गये.

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चुनाव से पहले जातीय गोलबंदी की थी कवायद

बीजेपी में किनारे कर दिये गये विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने 2020 के चुनावी साल से पहले भूमिहारों और ब्राह्मणों की एकता का नारा देकर अटल स्वाभिमान सभा का आयोजन किया था. आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरिलय हॉल में इस सभा का आयोजन किया गया था. दावा ये किया गया था कि इस सभा के बहाने भूमिहार-ब्राह्मण समाज के स्वाभिमान को जगाया जायेगा. लेकिन सभा बुरी तरह फ्लॉप हुई.

सभा में बेहद कम लोग जुटे

पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल की क्षमता तकरीबन 2 हजार लोगों की है. छोटे-मोटे आयोजन करने वाले भी इस हॉल को भर लेते रहे हैं. लेकिन ब्रह्मजन समाज की सभा में हॉल की आधी सीटें खाली रहीं. हम जो वीडियो आपको दिखा रहे हैं ये उस वक्त ही जब इस कार्यक्रम के आयोजक सच्चिदानंद राय भाषण दे रहे थे. यानि जब कार्यक्रम का सबसे अहम समय था. उस वक्त सभागार की आधी सीटें खाली पड़ी थी.

अभ्यानंद ने भी कार्यक्रम से कन्नी काटी

सच्चिदानंद राय ने अपनी सभा में बिहार के पूर्व डीजीपी अभ्यानंद को विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाया था. लेकिन ऐन वक्त पर अभ्यानंद कार्यक्रम से कन्नी काट गये. कार्यक्रम के आयोजकों ने उनका ऑडियो सुनाया. कहा गया कि कार्यक्रम में नहीं आने वाले अभ्यानंद ने ऑडियो जारी कर अपनी शुभकामनायें दी हैं. वैसे इस कार्यक्रम में भाजपा के सांसद सी पी ठाकुर और कई मामलों को लेकर बदनाम रहे विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय और लोजपा सांसद चंदन सिंह जरूर मौजूद रहे.

सच्चिदानंद राय की सियासी महत्वाकांक्षाओं को लगा झटका

जानकारों की मानें तो सच्चिदानंद राय अपनी सियासी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ये सारी कवायद कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के समय से ही वे पार्टी में टिकट के दावेदार रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्हें कोई भाव नहीं दिया. हालांकि आश्वासन मिला था कि विधान सभा चुनाव में महत्व मिलेगा. लेकिन लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी ने उन्हें और उपेक्षित कर दिया. पटना में सभा करके वे पार्टी नेतृत्व को अपनी ताकत दिखाना चाह रहे थे. लेकिन आज की फ्लॉप सभा ने उनकी महत्वाकांक्षाओं पर वज्रपात कर दिया है.

भाजपा के एक वरीय नेता के मुताबिक पार्टी का विधान पार्षद होने के बावजूद सच्चिदानंद राय जिस तरह की गतिविधियां कर रहे हैं उस पर नेतृत्व की नजर है. पार्टी ऐसे नेताओं को कोई तवज्जो नहीं देने जा रही है.