फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में क्या हो रहा है? कहीं बैठक में गायब रहे विधायक तो कहीं फोन आया स्विचऑफ; समझिए पूरी घटनाक्रम

फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में क्या हो रहा है? कहीं बैठक में गायब रहे विधायक तो कहीं फोन आया स्विचऑफ; समझिए पूरी घटनाक्रम

PATNA : बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है। महागठबंधन की सरकार हटने और एनडीए की नयी सरकार बनने के बाद राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। ऐसे में आज नीतीश सरकार को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना होगा। जिसके समर्थन और खिलाफ में विधायक मतदान करेंगे। फ्लोर टेस्ट को लेकर सत्ता तथा विरोधी खेमा दोनों ओर से विधायकों को एकजुट रखने की कवायद चरम पर रही। बिहार में पिछले तीन दिनों से रात्रि भोज और बैठकों का दौर जारी। सियासी अफरा-तफरी के बीच पटना में काफी गहमागहमी रही। बीते रात बिहार की राजनीति में काफी कुछ दखने को मिला और नई पटकथा लिखटी हुई भी नजर आई। 


दरअसल, सूबे में जैसे ही फ्लोर टेस्ट को महज कुछ घंटे का समय शेष रहा तो सभी राजनीतिक पार्टी एक्टिव मोड में आ गई। बिहार की सत्तारूढ़ गठबंधन को यह सुचना मिली कि NDA में शामिल HAM के मुखिया पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का फोन नहीं लग रहा है। उसके बाद यह सुचना मिली की जदयू के 5 और बीजेपी के 2 विधायक संपर्क में नहीं थे. पहले ये संख्या 7 थी, फिर 6 हो गई।  ऐसे में अब विधायक कम होने के बाद नीतीश कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। बताया गया है कि, जेडीयू के 4 विधायक बीमा भारती, दिलीप राय और रिंकू सिंह मीटिंग में शामिल नहीं हुए। इन विधायकों के अलावा डॉ. संजीव भी मीटिंग में नहीं पहुंचे। लेकिन वह पटना से बाहर हैं, इसे लेकर उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात की है। 


वहीं, आरजेडी ने दावा किया है कि बहुमत परीक्षण से पहले खेला होगा, वहीं कांग्रेस दावा कर रही है नीतीश सरकार गिरेगी। राजद भी बौखलाई हुई है क्योंकि देर रात पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास पर दो बार बिहार पुलिस पहुंची। फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले की ये रात बिहार में राजनीतिक तौर पर बड़ी हलचल वाली रही है। इस दौरान तेजस्वी आवास में मौजूद चेतन आनंद को बाहर निकाल उनके घर पहुंचाई। 


इसके साथ ही जान  पुलिस आधी रात के बाद तेजस्वी यादव के आवास पहुंची और गेट खुलवाने का प्रयास करने लगी। बताया गया था कि अंदर सभी विधायक हैं। इस तरह पुलिस की बार-बार आवाजाही को लेकर RJD ने X पर पोस्ट करते हुए सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि वह यहां अप्रिय घटना करवाना चाहते हैं। इससे कुछ देर पहले भी तेजस्वी के आवास पर रात में पुलिस पहुंची थी। 


ऐसे में इस पूरे मामले को बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि "अगर आप (तेजस्वी यादव) विधायकों का अपहरण करेंगे और कोई विधायक का रिश्तेदार शिकायत दर्ज कराएगा, तो पुलिस जरूर आएगी. अगर आप (तेजस्वी यादव) किसी भी विधायक को अपने घर में बांध कर रखेंगे। पुलिस निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। इसलिए वे (पुलिस) अपना काम कर रहे हैं। राजद और कांग्रेस केवल भ्रम फैला रहे हैं। जदयू और भाजपा मिलकर विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. कोई भी (विधायक) बाहर नहीं है "पहुंच का संबंध सभी से है। केवल भ्रम फैलाया जा रहा है। एनडीए के सभी विधायक एक साथ हैं। राजद और कांग्रेस में गायब लोगों को सोचना चाहिए। "


उधर, देर देर रात सूत्रों के अनुसार खबर आई कि, मनोज यादव और सुदर्शन दोनों विधायक एनडीए कैंप में वापस लौट आए हैं। दरअसल, बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले NDA कैंप के कई विधायकों के फोन नहीं लग रहे थे। इनमें सुदर्शन और मनोज यादव भी शामिल थे। जिन विधायकों से पहले संपर्क नहीं हो पा रहा था, उनकी संख्या 6 बताई जा रही थी, लेकिन बाद में दो और नामों पर शंका जताई गई तो संख्या 8 हो गई, लेकिन अब  मनोज यादव और सुदर्शन की वापसी के साथ ये संख्या फिर से 6 हो गई है। NDA गठबंधन को थोड़ी ही सही राहत मिली है। 


आपको बताते चलें कि, वर्तमान में दोनों खेमों की जो स्थिति है, उसके अनुसार एनडीए के पास कुल 128 विधायक हैं।इसमें से बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, हम के 4 और निर्दलीय विधायक एक हैं। इधर महागठबंधन के सिर्फ 114 विधायक हैं। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों को 16 विधायक हैं। जरूरत पड़ने पर एआईएमआईएम के एक विधायक भी विपक्षी खेमे को अपना समर्थन दे सकते हैं।