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फिर बोले मांझी: जितना भी प्रताड़ित कीजिये लेकिन सच बोलूंगा-अफसर, जज, नेता रोज शराब पीते हैं, गरीबों को जेल भेज दिया जाता है

1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Dec 2021 05:51:21 PM IST

फिर बोले मांझी: जितना भी प्रताड़ित कीजिये लेकिन सच बोलूंगा-अफसर, जज, नेता रोज शराब पीते हैं, गरीबों को जेल भेज दिया जाता है

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BAGAHA: पूर्व सीएम और बिहार सरकार में साझीदार जीतन राम मांझी ने फिर से नीतीश कुमार की शराबबंदी की पोल खोली है। मांझी आज फिर से बोले कि बिहार में कौन नहीं जानता कि नेता, अफसर और जज जैसे बडे लोग शराब पीते हैं. लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है। मांझी ने कमजोर वर्ग के लोगों को सलाह दी-ज्यादा नहीं लिमिटेड मात्रा में शराब पीओ और घर में सो जाओ, बाहर मत निकलो।


दवा के रूप में लें शराब

दरअसल जीतन राम मांझी वाल्मिकीनगर इलाके में पहुंचे हैं. उनकी पार्टी की बैठक होनी है लेकिन उससे पहले उन्होंने थारू आदिवासी समाज के लोगों के साथ मीटिंग की. उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस ने ये बता दिया कि कम मात्रा में शराब पीना शरीर के लिए फायदेमंद होता है. इसलिए गरीब-कमजोर तबके के लोगों को ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि कम मात्रा में शराब पीना चाहिये. मांझी ने कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि बिहार की सरकार 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी लोगों को पकड़ कर जेल भेज दे रही है. उन्होंने दावा कि बिहार के जेलों में लाखों लोग शराब के आरोप में जेल में बंद हैं, उनमें से 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो आधा लीटर से भी कम शराब के आरोप में जेल भेज दिये गये हैं।


बड़े लोगों की तरह गरीब लें शराब

मांझी ने कहा कि शराब के बारे में क्या स्थिति है ये बिहार के लोग जानते हैं. मांझी बोले-मुझे जितनी भी प्रताड़ना दी जाये, मुझे कितनी भी सजा दी जाये लेकिन मैं कहूंगा कि बिहार में बड़े लोग जैसे ठेकेदार, इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस, जज जैसे लोग अपने घर में बंद होकर शराब पीते हैं. वे रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं औऱ दुनिया नहीं जानती कि वे पी रहे हैं. इसलिए हम गरीबों से वही कहते हैं कि क्यों पीकर इधर उधर करते हो, तुम लिमिट में पीओ जैसे बड़े लोग पीते हैं. तुम पीकर बाहर निकलते हो तभी पकड़ाते हो. बडे लोगों की तरह लिमिट में पीओ और घर में सो जाओ. सुबह उठकर अपने काम पर लग जाओ।


हालांकि मांझी को मीडिया का डर भी सता रहा था. उन्होंने कहा कि वे कुछ औऱ इरादे से बात कहते हैं लेकिन मीडिया दूसरे तरीके से बात चला देता है. इससे उनकी भद्द पिट जाती है. वे शराबबंदी के विरोधी नहीं है. शराबबंदी ठीक है लेकिन इसमें बड़े और छोटे लोगों के लिए अलग अलग नीति है. गरीबों को तो 50 मिलीलीटर के लिए भी जेल भेज दिया जाता है और बड़े लोग मजे से शराब पी रहे हैं।