बिहार लोक सेवा आयोग ने रविवार को 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें 1454 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन हुआ है। पटना के फतुहा स्थित सोनारू गांव के रहने वाले ओमप्रकाश गुप्ता सर्वाधिक अंक लाकर टॉपर बने। ओम प्रकाश गुप्ता ने पूरे बिहार का नाम रोशन किया है। इस बात की जानकारी के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। वही फतुहां में भी इस बात चर्चा खूब हो रही है।
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है पटना के ओम प्रकाश गुप्ता ने...जो बीपीएससी टॉपर बने हैं। ओम प्रकाश गुप्ता ने पूरे बिहार का नाम रोशन किया है। बताया जाता है कि ओम प्रकाश के पिता बिंदेश्वरी साव किराना दुकानदार हैं। अधिकांश लोग अपने बच्चे को अच्छी पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवाते है लेकिन ओम प्रकाश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने कारण आठवीं तक गांव के सरकारी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की। जिसके बाद फतुहां हाई स्कूल में नौंवी और दसवीं की पढ़ाई के बाद फतुहां के मान्यता प्राप्त SKMV कॉलेज में 12 वीं तक की शिक्षा ग्रहण की। पटना में कोचिंग कर ओम प्रकाश ने IIT किया।
इस दौरान क्लास में वह प्रथम स्थान पर रहे। पढ़ाई के दौरान वे अपने पिता के काम में भी हाथ बंटाते थे। अपने किराना दुकान को भी वे संभालते थे। इस दौरान वे दुकान पर ही पढ़ाई किया करते थे। ओमप्रकाश के घर में माता-पिता के अलावे तीन भाई और दो बहनें हैं। BPSC में प्रथम आने पर घर में खुशी का माहौल है। घर के सभी सदस्यों ने खुशी के इस मौके पर एक दूसरे को मिठाईयां खिलायी औ अपने खुशी की इजहार किया।
अपने बेटी की इस कामयाबी से मां की आंख से खुशी के आंसू निकल रहे हैं वही पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। उनकी माने तो जो सपना था उससे भी ऊपर उठकर उन सपनों को साकार करने का काम उनके बेटे ने किया है। बेटे की सफलता की खबर से पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
वही घर का माहौल किसी त्योहार से कम नहीं नजर आ रहा है। ओम प्रकाश की चर्चा चारों ओर हो रही है। युवाओं के लिए ओमप्रकाश प्रेरणा स्त्रोत बने हुए है। ओम प्रकाश की सफलता से यह पता चलता है कि यदि इरादा नेक हो और कुछ करने की लगन हो तो कम संसाधनों के बावजूद भी सफलता हासिल की जा सकती है।