PATNA : मंगलवार से टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य किए जाने के बाद लापरवाह लोगों की मुश्किलें देखते बन रही हैं। पहले ही दिन पटना के दीदारगंज टोल प्लाजा पर लगभग 35 सौ गाड़ियों ने दोगुना टोल टैक्स दिया. हालांकि अच्छी बात यह रही कि दीदारगंज टोल प्लाजा पर लगभग 1000 गाड़ियों में फास्टैग भी लगाए गए। फास्टैग अनिवार्य होने के बाद दीदारगंज टोल प्लाजा पर चार पहिया वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली बड़ी तादाद में ऐसे लोग नजर आए जिनकी गाड़ियों पर पास तक नहीं लगा था।
देशभर में अब फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। फास्टैग लगाने वाली गाड़ियों को टोल प्लाजा पर ज्यादा देर तक नहीं रुकना पड़ता। फास्टैग लगे होने के कारण उसमें जमा राशि खुद-ब-खुद टोल प्लाजा से कट जाती है। दीदारगंज टोल प्लाजा पर हर दिन 22 हजार से ज्यादा गाड़ियां गुजरती हैं। टोल मैनेजर संजीव कुमार के मुताबिक एनएचएआई, पेटीएम और एयरटेल की तरफ से फिलहाल टोल प्लाजा पर फास्टैग लगाए जा रहे हैं। कई बैंक भी अपनी तरफ से फास्टैग लगा रहे हैं। मंगलवार को जिन गाड़ियों पर सबसे ज्यादा फास्टैग नहीं पाए गए उनमें नालंदा, नवादा, बख्तियारपुर, जहानाबाद और मोकामा की ओर से आने वाली गाड़ियां शामिल थीं। जिन गाड़ियों पर फास्टैग नहीं लगा था उनसे नियमों के मुताबिक के दोगुना टोल लिया गया है।
राज्य के अंदर फिलहाल 8 लाख से अधिक गाड़ियां 10 से 15 साल पुरानी हैं। गाड़ियों के पुरानी होने के कारण कई लोग यह सोच रहे हैं कि उनकी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगेगा। जबकि ऐसा नहीं है पुरानी गाड़ियों में भी फास्टैग लगाया जा सकता है बशर्ते आपके पास रजिस्ट्रेशन बुक को होनी चाहिए। फास्टैग लगाने के लिए गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन दिखना अनिवार्य नहीं है। फास्टैग चिप स्पीकर के रूप में गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगी होती है जैसे ही गाड़ी टोल प्लाजा से होकर गुजरती हैं टोल प्लाजा पर लगा सेंसर इस चिप को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की मदद से रीड करता है और उसे टोल प्लाजा के हिसाब से पैसे अपने आप कट जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगता और लोगों का समय बचता है।