PATNA : बिहार के गया जिले के सिविल कोर्ट में शुक्रवार को फरार चल रहे गया के निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में गया सिविल कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। मालूम हो क, चीफ जस्टिस के नाम पर फर्जीवाड़े मामले में IPS आदित्य कुमार निलंबित हैं। वहीं, दूसरी तरफ इनकी गिरफ़्तारी को लेकर अब टीम बढ़ा दी गई है।
दरअसल, एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि, पूर्व एसपी आदित्य कुमार के गिरफ्तारी को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से की जा रही छापेमारी में अब टीम बढ़ा दी गई है। इससे इनके गिरफ्तारी में सहूलियत होगी और वो जल्द से जल्द कैद में होंगे।
बता दें कि, आदित्य कुमार पिछले डेढ़ महीने से फरार हैं। उनके ऊपर फर्जी तरीके से पुलिस महानिदेशक को अपनी केस की पैरवी करने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को दिया गया और आर्थिक अपराध इकाई ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और अब इनके गिरफ़्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है।
गौरतलब हो कि,आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के ऊपर पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी समेत अन्य अफसरों को फोन करने के मामला दर्ज है। इसको लेकर 4 नवंबर को वारंट जारी किया गया था। जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया है। आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जालसाजी के मामले में अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद आदित्य कुमार ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है जिस वजह से उनका फोन लोकेशन भी नहीं मिल प्राप्त हो पा रहा है। जिससे इनकी गिरफ़्तारी अबतक नहीं हुई है।