PATNA: पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. सोमवार को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. बता दें कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर शिक्षक अब भी काम कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं.
फर्जी डिग्री से नियुक्त हुए शिक्षक गलत तरीके से वेतन उठा रहे, जिस वजह से सरकार को नुकसान उठाना पड़ रहा है. मालूम हो कि कोर्ट ने 2014 के अपने एक आदेश में कहा था कि फर्जी डिग्री के आधार पर जो शिक्षक काम कर रहे हैं अगर वे खुद अपना इस्तीफा दे दे तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी. 26 अगस्त, 2019 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस आदेश के बाद भी बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक काम कर रहे हैं और वेतन का लाभ लिया जा रहा है. जिसपर कोर्ट ने निगरानी को जांच का जिम्मा सौंपा था.
31 जनवरी, 2020 को सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि फर्जी शिक्षकों के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. लेकिन निगरानी का यह भी कहना था कि 1 लाख 10 हजार से अधिक शिक्षकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. इसी के मद्देनजर कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को अगली सुनवाई में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.