एक तरफ तेजस्वी चला रहे मिशन-60, दूसरी तरफ 60 सेकंड में डॉक्टर कर रहे मरीज को रेफर

एक तरफ तेजस्वी चला रहे मिशन-60, दूसरी तरफ 60 सेकंड में डॉक्टर कर रहे मरीज को रेफर

NWADA : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिछले कुछ दिनों से राज्य की बिगड़ी हुई स्वास्थ वयवस्था को लेकर मिशन- 60 अभियान चला रहे हैं। राज्य के स्वास्थ मंत्री लगातार अस्पतालों का कायाकल्प कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाबजूद अभी भी राज्य के कई अस्पतालों में बदहाली का आलम यह है कि डॉक्टर मरीज को देखना तो दूर उसे हाथ लगाना भी नहीं चाह रहे हैं। उल्टा उसे सीधा रेफर कर देते हैं। 


दरअसल, नवादा में बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीजों की जान पर आफत बन आई है। आलम यह है कि, मरीज अस्पताल भी नहीं पहुंचता है और उसे रेफर कर दिया जाता है। इसका एक उदाहरण बीते रात उस समय देखने को मिला जब शहर के गढ़ पर मोहल्ला के शिवशंकर प्रसाद के पुत्र प्रिंस को ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बिना देखे ही उसे रेफर कर दिया। हद तो यह कि मरीज अस्पताल भी नहीं पहुंचा था। वह रास्ते में ही था। एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन उसे ठेले पर लेकर अस्पताल जा रहे थे।  लेकिन उसके अस्पताल पहुंचते- पहुंचते डॉक्टर ने विम्स पावापुरी के लिए रेफर कर दिया।


बताया जा रहा है कि, मरीज के पिता पहले ही अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने पर्ची कटवाई और बीमार बेटे के अस्पताल पहुंचने से पहले डॉक्टर के पास जाकर समस्या बताई। मर्ज सुनते ही चिकित्सक ने पर्ची ली और उसे रेफर कर दिया, जबकि मरीज ने अस्पताल में कदम भी नहीं रखा था। मरीज प्रिंस की तबीयत सुबह से ही खराब थी। उसे बुखार लगा था और उसे मिर्गी की भी शिकायत थी। जिसके बाद उसे सदर अस्पताल लाया था। उस समय चिकित्सक ने बुखार की दवा दी थी और घर भेज दिया था। जिसके बाद भी 


इसके बाद, रात में प्रिंस की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब आनन फानन में उसके पिता अस्पताल पहुंच गए। बीमार बेटे को परिवार के अन्य सदस्य ठेले पर लेकर अस्पताल आ रहे थे। इसी बीच पिता ने पर्ची कटा ली और डॉक्टर के पास चले गए और बीमारी बताई। पिता का आरोप है कि बेटे का मर्ज सुनते ही डॉक्टर ने पर्ची पर रेफर लिख दिया। डॉक्टर का कहना था कि वे हड्डी के डॉक्टर हैं, इसलिए इस बीमारी का इलाज नहीं कर सकते हैं। 

नहीं मिली एम्बुलेंस की सेवा तो ठेले पर लेकर पहुंचे अस्पताल

इधर, परिजनों का आरोप है कि 102 एम्बुलेंस सेवा के लिए संपर्क करते-करते थक गए। जब भी नम्बर डायल किया तो बिजी ही बताता रहा। फलस्वरूप मरीज को पड़ोसी के ठेले पर लेकर सदर अस्पताल पहुंचे हैं। अब विम्स रेफर किए जाने के बाद पुनः 102 डायल करने पर बिजी ही बता रहा है। ऐसे में निजी एम्बुलेंस से पावापुरी ले जा रहे हैं। वहीं,ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि शाम में मरीज पहुंचा था। उस समय मरीज को देखने के बाद ही दवाई लिखी थी। अब जबकि तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है तो उसे विम्स के लिए रेफर किया गया है।


गौरतलब है कि, बिहार में नई सरकार के गठन के बाद स्वास्थ विभाग को तेजस्वी यादव ने अपने जिम्मे ले रखा है। जिसके बाद वो लगातार अस्पताल की बदहाली को लेकर औचक निरीक्षण भी करने जा रहे हैं। इसके साथ ही वो अब मिशन- 60 चलाकर अस्पतालों का कायाकल्प करना शुरू दिया।  लेकिन, इसके बाबजूद स्वास्थ कर्मी अपनी आदतों से पीछे नहीं हट  रहे।