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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 03 Aug 2023 11:14:52 AM IST
                    
                    
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KHAGARIA: बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आए दिन नया फरमान जारी कर रहे हैं। इसके बावजूद स्कूलों की स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। बिहार के खगड़िया जिले में एक स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं है। जिसके कारण बच्चे फर्श पर बैठक पढाई करने को विवश है। वही यहां की मैडम पढ़ाने के बजाय क्लास रूम में अपना बच्चा खिलाती है।
हम बात खगड़िया के एक सरकारी स्कूल की कर रहे हैं जहां बच्चे झुग्गी-झोपड़ी में फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। जिसका जीता जागता उदाहरण खगड़िया बेला सिमरी मध्य विद्यालय की तस्वीर यह बयां कर रही है। विद्यालय में भवन जर्जर है जिससे बच्चों को हमेशा यह डर सताते रहता है कि कही कोई अप्रिय घटना ना हो जाए। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भले ही बच्चों के पठन-पाठन के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे है। आधुनिक तौर तरीके से बच्चों को शिक्षा देने की बात कर रहे हैं।
लेकिन खगड़िया के सिमरी मध्य विद्यालय में ना तो ब्लैक बोर्ड है और ना ही बच्चों के बैठने के लिए बेंच ही है। स्कूल का भवन भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। जो कभी भी गिर सकता है। शिक्षक पढ़ाने के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्त्ति करते हैं। वहीं बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते हैं। शिक्षा विभाग की नजर इस विद्यालय पर नहीं है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विद्यालय की एक शिक्षिका अपने साथ बच्चे को स्कूल में लेकर आती है। जिसे खुद भी खेलाती है और बच्चों को भी खेलाने के लिए देती है। बच्चे विद्यालय पढ़ने आते हैं ना कि मैडम के बच्चे को संभालने। अब देखना यह होगा कि बच्चों की समस्याओं का निदान कब तक निकल पाता है।