एक साल में 10 लाख नौकरी का वादा करने वाले नीतीश ने मारी पलटी: पहले की सरकार की नियुक्तियों को गिनाया फिर भी डेढ़ लाख पहुंची संख्या

एक साल में 10 लाख नौकरी का वादा करने वाले नीतीश ने मारी पलटी: पहले की सरकार की नियुक्तियों को गिनाया फिर भी डेढ़ लाख पहुंची संख्या

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साल पहले स्वतंत्रता दिवस के मौकै पर गांधी मैदान से एलान किया था. कहा था-जैसा तेजस्वी यादव कहते रहे हैं, वैसे ही नौकरी देंगे. 10 लाख नौकरी ही नहीं बल्कि 20 लाख रोजगार का इंतजाम करेंगे. एक साल बाद नीतीश कुमार पलटी मार गये. इस 15 अगस्त को नीतीश ने कहा-अगले साल तक 10 लाख नौकरी पूरा कर देंगे. नीतीश कुमार ने उन नौकरियों का हिसाब किताब भी बताया जिन पर बहाली होनी है. वो भी पांच लाख तक भी नहीं पहुंची.


बता दें कि बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 2020 से लगातार रट लगाते रहे हैं कि अगर उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में एक साल में 10 लाख सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया जायेगा. नीतीश कुमार ने 2022 में 9 अगस्त को जब तेजस्वी यादव के साथ सरकार बनायी थी, तो 6 दिन बाद गांधी मैदान से एलान किया था कि वे तेजस्वी के वादे को पूरा करेंगे. एक साल पूरा हो गया और नीतीश कुमार साफ पलट गये.


पिछली सरकार में हुई नियुक्तियों का आंकड़ा गिनाया

नीतीश कुमार ने इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान में भाषण देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक साल में 1 लाख 50 हजार 563 सरकारी नौकरी दे दी है. अब उसकी हकीकत जानिये. 

  1. 16 नवंबर 2022 को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश और तेजस्वी यादव ने 10, 459 नवनियुक्त पुलिस कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटे. इसकी हकीकत ये थी कि साल 2020 के कांस्टेबल की बहाली के विज्ञापन आए थे.  मई और जून में ही सभी पुलिस कर्मी बहाल हो गए थे. नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे तब ही जुलाई 2022 में सभी नवनियुक्त पुलिसकर्मियों ने योगदान भी दिया था. लेकिन महीनों बाद नियुक्ति पत्र बांट कर इसे नयी नौकरी करार दिया गया. बिहार में परंपरा रही है कि नवनियुक्त दरोगा को क्षेत्र के आईजी या डीआईजी नियुक्ति पत्र प्रदान करते हैं. जबकि सिपाहियों को ये नियुक्ति पत्र जिले के एसपी के द्वारा दिया जाता है. जिन लोगों को नीतीश और तेजस्वी ने नियुक्ति पत्र दिया, उन्हें पहले ही नियुक्ति पत्र दिया जा चुका था.


2. 14 नवंबर 2022 को नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग में 1006 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इनका सेलेक्शन बिहार कर्मचारी चयन आयोग से हुआ था. इस नियुक्ति की सारी प्रक्रिया उसी समय हो चुकी थी जब बिहार में बीजेपी औऱ जेडीयू की सरकार थी. नीतीश ने उन्हें नियुक्ति पत्र बांट कर महागठबंधन सरकार की नयी उपलब्धि गिना दी.


3. 9 नवंबर 2022 को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने  3127 पंचायत सचिवों औऱ 162 बीपीआरओ को नियुक्ति पत्र बांटा. हकीकत ये थी कि 3127 पंचायत सचिवों की नियुक्ति तब हुई थी जब बिहार में बीजेपी-जेडीयू की सरकार थी. मई 2022 में नियुक्त हुए पंचायत सचिवों की जून में पोस्टिंग भी हो गयी थी. उनकी पोस्टिंग के करीब 6 नहीने बाद उन्हें नीतीश और तेजस्वी ने नियुक्ति पत्र बांटा. 


4. 21 अक्टूबर 2022 को नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव ने 9469 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटा. ये सारे स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति तभी हो चुकी थी जब बिहार में भाजपा-जेडीयू की सरकार थी. लेकिन बहाली के महीनों बाद नियुक्ति पत्र बांटकर इसे महागठबंधन सरकार की उपलब्धि बता दी गयी. 


ये कुछ बानगी भर है. नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से एक साल में डेढ़ लाख नौकरी देने का जो दावा किया उनमें से 90 परसेंट से ज्यादा वो नौकरियां थीं, जिसकी सारी प्रक्रिया बीजेपी-जेडीयू सरकार के समय पूरी हो चुकी थीं. बहाली के महीनों बाद नियुक्ति पत्र बांट कर उस पर महागठबंधन सरकार का ठप्पा लगा दिया गया.


अगले साल पूरा करेंगे 10 लाख लेकिन संख्या नहीं बता पाये

नीतीश कुमार ने इस बार गांधी मैदान से कहा कि अगले साल तक 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा पूरा कर देंगे. लेकिन वे ये नहीं बता पाये कि नौकरी कहां से देंगे और कैसे देंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने 3 लाख 62 हजार 104 नये पद सृजित किये हैं. इनमें से 2 लाख 86 हजार 461 की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. यानि सरकार सिर्फ 3 लाख 62 हजार 104 नयी नियुक्ति के लिए पद सृजित कर पायी है. इतनी ही नौकरी मिलेगी. बिहार में सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया सालो साल चलती है. लिहाजा दिख यही रहा है कि किसी सूरत में अगले साल 10 लाख नियुक्ति हो ही नहीं सकती.