एक बिहारी-इंडिगो के पूरे सिस्टम पर भारी: फ्लाइट से सफर के दौरान बदल गया बैग, इंडिगो का वेबसाइट हैक कर खुद ढूंढ़ निकाला सामान

एक बिहारी-इंडिगो के पूरे सिस्टम पर भारी: फ्लाइट से सफर के दौरान बदल गया बैग, इंडिगो का वेबसाइट हैक कर खुद ढूंढ़ निकाला सामान

DESK: फ्लाइट से सफर के दौरान सामान गुम हो जाने या फिर बदल जाने की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं. ऐसी घटना के बाद पैसेंजर एयरलाइन कंपनी को कॉल करके परेशान हो जाते हैं लेकिन सामान वापस लेने में उनके पसीने छूट जाते हैं. कई दफे तो सामान भी नहीं मिल पाता. लेकिन बिहार के रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ जब ऐसा वाकया हुआ तो उसने इंडिगो एयरलाइंस को ही सबक सिखा दिया. उन्होंने न सिर्फ अपना सामान ढ़ूढ़ निकाला बल्कि एयरलाइंस को ये मैसेज भी दे दिया कि कस्टमर के साथ ऐसा नहीं करें।


पटना के नंदन ने इंडिगो को सिखाया सबक

पटना के मोकामा के मूल निवासी नंदन कुमार सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और बेंगलुरू में काम करते हैं. होली में घर आये थे. फिर पटना से वापस बेंगलुरू लौटने के लिए इंडिगो की फ्लाइट पकड़ी. बेंगलुरू एयरपोर्ट पर उनका बैग बदल गया लेकिन वहां इसका पता नहीं चला. नंदन कुमार जब घर पहुंचे तो उनकी पत्नी ने बैग देखा और बताया कि ये किसी और का बैग है. नंदन को तब पता चला कि उनका बैग किसी दूसरे पैसेंजर के बैग से बदल गया है।


कस्टमर केयर आश्वासन देता रहा

नंदन ने तत्काल इंडिगो के कस्टमर केयर सर्विस को कॉल किया औऱ बताया कि उनका बैग बदल गया है. कस्टमर केयर सेंटर ने उनसे कहा कि वे छानबीन कर रहे हैं. नंदन लगातार कस्टमर केयर से संपर्क करते रहे लेकिन सामान की कौन कहे, कोई ठोस जानकारी तक नहीं मिली. इसके बाद नंदन ने तय किया कि वे खुद ही अपना बैग ढ़ूंढ निकालेंगे. नंदन ने अपना सामान ढूंढ़ भी लिया. उसके बाद खुद ट्विट करके इंडिगो समेत दूसरे लोगों को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया।


इंडिगो की बेवसाइट ही हैक कर ली

नंदन के मुताबिक एयरलाइन की कस्टमर सर्विस से मदद मांगने के बाद जब उन्हें निराशा हाथ लगी तो उन्होंने इंडिगो की वेबसाइट को हैक करने की सोंची. नंदन ने वेबसाइट के डेवलपर कंसोल को ओपन कर नेटवर्क लॉग रिकॉर्ड को खंगाल डाला. कुछ दी देर में उन्होंने ये पता लगा लिया कि उनका सामान किस पैसेंजर से बदल गया है. इंडिगो के वेबसाइट से उन्हें उस पैसेंजर का पूरा कॉन्टैक्ट डिटेल्स भी मिल गया। 


नंदन ने बताया कि दूसरे पैंसेजर का कॉन्टैक्ट डिटेल्स मिलने के बाद उन्होंने उसे कॉल किया. पता चला कि उनका बैग जिस पैसेंजर के साथ बदला था वो उनके घर के पास ही रहता है. नंदन ने पैसेंजर से बात की और आपस में बैग एक्सचेंज कर लिया. दोनों पैसेंजर की समस्या आपस में ही दूर हो गयी।


इंडिगो का झूठ भी पकड़ा गया

नंदन ने बताया कि इंडिगो के कस्टमर केयर सर्विस ने उन्हें बताया कि जिस पैसेंजर से उनका बैग बदला था उसे तीन बार कॉल किया गया था. लेकिन जब नंदन ने खुद उस पैसेंजर से बात की तो पता चला कि पैसेंजर ने बताया कि इंडिगो की तरफ से उन्हें कोई कॉल नहीं आई थी. बैग मिल जाने के बाद नंदन कुमार ने एयरलाइन कंपनी को अपने कस्टमर सर्विस को बेहतर करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि इंडिगो को अपना IVR फिक्स करने की जरूरत है. इसके साथ ही कंपनी को अपनी वेबसाइट को भी दुरूस्त कर लेना चाहिये ताकि कस्टमर का डेटा लीक ना हो सके।