PATNA: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस (IAS SANJEEV HANS) के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक नए मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने संजीव हंस के खिलाफ मुकदमा चलाने (register another case) के लिए राज्य के गृह विभाग से लिखित अनुमति मांगी है। इस संबंध में गृह विभाग के विशेष सचिव को एक 25-30 पेज की रिपोर्ट के साथ एक पत्र भेजा गया है।
रिपोर्ट में ईडी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि संजीव हंस ने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। हंस पर सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
ईडी ने हंस के खिलाफ पहले ही एक चार्जशीट दायर कर दी है। यह 20 हजार पन्नों की चार्जशीट में संजीव हंस के अलावा पूर्व विधायक गुलाब यादव(MLA GULAB YADAV), शादाब खान और तीन कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। इन कंपनियों में पुष्पराज बजार की स्मार्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, धूल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और ऊर्जा विभाग में करीब 3500 करोड़ रुपये का ठेका लेने वाली जयपुर की मेसर्स जिनस पॉवर लिमिटेड शामिल हैं।
नियमों के अनुसार, किसी राज्य के लोक सेवक के खिलाफ अगर किसी केंद्रीय एजेंसी को भारतीय दंड संहिता (अब भारतीय दंड संहिता) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करना होता है, तो उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है। हालांकि, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय कार्मिक विभाग से अनुमति लेनी होती है। ईडी ने इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए गृह विभाग को पत्र लिखा है।
बता दें कि बीते 16 दिसंबर को ईडी (ED) ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस (ias officer sanjeev hans) के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उनकी और उनके करीबियों की 23.72 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया था। ईडी ने संजीव हंस और अन्य की 7 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। ईडी ने नागपुर में 3 भूखंड, दिल्ली में 1 फ्लैट और जयपुर में 3 फ्लैट को अटैच किया था, जो संजीव हंस और उनके सहयोगियों प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के लोगों के नाम पर हैं।