DESK : पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से एक जंग लड़ रही है. क्या आम क्या खास सभी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं. इस बीमारी ने किसी को नहीं छोड़ा है. दुनिया का हर देश इस संकट से घिरा हुआ है. पर अब इस बीमारी ने उसे भी अपना शिकार बनाया है, जो इंसान खुद कई वायरस और बैक्टीरिया पर शोध कर चूका है. खबर है की इस जानलेवा महामारी ने इबोला वायरस की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक पीटर पियोट को भी अपना शिकार बना लिया है. पियोट कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
पियोट कोरोना से संक्रमित होने के साथ गंभीर रूप से निमोनिया से पीड़ित हो गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब वो इलाज के बाद वायरस से उबर रहे हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में प्रोफेसर पियोट ने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से अब सार्वजनिक स्वास्थ्य पर वायरस के संभावित प्रभाव पर बातें होंगी.
पीटर पियोट लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के निदेशक रह चुके हैं. उन्होंने 40 साल तक एचआईवी सहित अन्य संक्रमण जनित रोगों पर काफी अध्यन किया है और शोध का नेतृत्व भी किया है. पियोट ने उम्मीद जताई कि संकट के इस समय में देशों के बीच राजनीतिक तनाव कम होंगे और यह विशेषज्ञों को वैक्सीन की खोज के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में भी सुधार किया जा सकता है.
बता दें कि, 71 साल के पीटर पियोट को स्वास्थ्य विज्ञान में सेवा के लिए 2017 में नाइटहुड की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है. पीटर पियोट यूनाइटेड नेशन और WHO जैसे संस्थानों में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. उनके नाम से 16 किताब और 600 से अधिक साइंटिफिक आर्टिकल्स प्रकाशित हो चुकी हैं.